दबने से तीन महिलाओं समेत 9 लोग घायल, अस्पताल में भर्ती
अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) राजस्थान की सीमा पर पंजाब के लगते गांव बकैनवाला की एक ढाणी व वहां के आसपास के इलाके में शुक्रवार दोपहर बाद कुदरत ने बरपाए कहर ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। गांव बकैनवाला (Bakainwala) की ढाणी में शुक्रवार बाद दोपहर आए चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) के कारण अनेक घरों की छत्ते व दीवारे गिर गई। जिसके नीचे दबने से करीब तीन महिलाओं समेत 9 लोग घायल यहां के सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए है। घायलों में शिमला रानी, सुरिंदर कौर, बिमला रानी के अलावा सौरव, रवि, राज सिंह, रतन सिंह, मोहन लाल व एक अन्य व्यक्ति शामिल है।
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गांववासियों ने बताया कि दोहपर को ढाई तीन बजे के बाद बारिश के कुछ समय के बाद आए चक्रवाती तूफान ने देखते ही देखते करीब तीन दर्जन मकानों को धराशाही कर दिया, वृक्ष गिरने लगे, बागों के पौधे उखड़ गए व गेहूं की फसल जमीन पर पूरी तरह से बिछ गई। कई लोग अचानक गिरे मकानों के मलबे में दब गए जिन्हें एकत्रित पास के गांव बकैनवाला के लोगों ने आकर लैंटर काट कर कड़ी मशक्कत से बाहर निकाला व एंबूलेंस मंगवा कर यहां के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। पता चला है कि मकान व दीवारे गिरने से करीब 9 लोग घायल हुए है।
लोगों को इस बात की समझ तक नहीं आई कि आखिर यह हो क्या रहा है। अधिकतर ढाणी निवासियों ने बताया कि उन्होंने इस तरह का चक्रवाती तूफान पहली बार देखा है। गांववासियों ने बताया कि अचानक तेज धमाके की आवाजें सुनाई देने लगी ऐसे लग रहा था कि उनके उपर से हवाई जहाज गुजर रहा है लेकिन जैसे ही बाहर जाकर देखा तो पलक झपकते ही मकान गिरने लगे व लोगों की चीखने चिलाने की आवाजे आने लगी।
लोगों ने यह भी बताया कि यह तो गनीमत रही कि यह चक्रवाती तूफान ढाणी से होते ही आगे निकल गया अगर यह गांव में प्रवेश कर जाता तो काफी बड़ा नुकसान हो सकता था। चक्रवती तूफान की गति का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक घर में खड़ी ट्राली पलट गई जबकि वृक्ष दूर-दूर जा गिरे। एक व्यक्ति का तो बाइक तक नहीं मिल रहा। लोगों के घरों का सामान मलबे के नीचे दब जाने से चकनाचूर हो गया। प्राथमिक जांच पड़ताल में पता चला है कि करीब तीन दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए है जबकि भारी मात्रा में फसलें व बाग नष्ट हो गए है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
गांववासियों ने बताया कि चक्रवती तूफान (Cyclonic Storm) शांत होने के बाद भी घंटों तक यहां न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा व न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम जिस कारण लोगों में रोष पाया गया। गांववासियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी तुरंत मदद की जाए। गांववासियों का कहना है कि जिस तरह की तबाही हुई है उससे कई सालों तक उनके लिए फिर से उस स्थिति में पहुंचना मुश्किल है। उधर, जिला प्रशासन का कहना है कि जैसे ही घटना की सूचना मिली तो फाजिल्का के तहसीलदार सुखदेव सिंह व पुलिस की टीम मौके पर पहुंचे व पीड़ितों को हरसंभव का भरोसा दिया है।
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