अब ओटीपी नहीं लिंक भेज कर बनाते हैं अपना शिकार
हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। Cyber Crime: वर्तमान में डिजिटल दुनिया में कदम रखना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी सावधानी बरतनी भी है। आजकल हर कोई किसी न किसी रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग करता है। चाहे किसी भी शिक्षण संस्थान में दाखिले की बात हो या फिर बैंक से संबंधित खाता खोलने से लेकर लोन की प्रक्रिया से गुजरना हो इसके लिए अधिकतर कार्य डिजिटल तौर पर ही हो रहे हैं।
यह अच्छी बात भी है, डिजिटल तौर पर कार्य करने पर एक तरफ जहां समय की बचत होती है। वहीं दूसरी तरफ यह सब पेपरलेस वर्क होता है। ऐसा करना पर्यावरण के लिए भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि कागज पेड़ों की कटाई से ही बनते हैं। पर इस बीच डिजिटल दुनिया में गोते लगाने से पहले सावधानियां भी बरतनी चाहिए। अपने मोबाइल फोन में इंटरनेट बैंकिंग हो या मोबाइल बैंकिंग इसके लिए अधिकतर तौर पर संबंधित बैंक या लोन कंपनी के ऐप इंस्टॉल करना पड़ता है। जब हम किसी भी प्रकार की ऐप इंस्टॉल करते हैं तो उसी वक्त हमारी निजी जानकारी संबंधित ऐप पर चली जाती है।
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अनावश्यक ऐप इंस्टॉल करने से बचें | Cyber Crime
अब देखना यह होता है कि जो ऐप आप यूज कर रहे हैं। वह आपके लिए लाभदायक है या नहीं। कई बार हम बिना किसी कारण भी प्ले स्टोर पर जाकर विभिन्न प्रकार की अनावश्यक ऐप इंस्टॉल कर लेते हैं। ऐसी ऐप मोबाइल नंबर के सहारे वेरिफिकेशन के नाम पर पहले आप का ओटीपी मांगती हैं। इसके बाद ईमेल आईडी व आपकी सभी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी मांग लेते हैं। कई ऐप तो ऐसी भी हैं।
जो पर्सनल लोन देने का झांसा देकर आपका पैन कार्ड,आधार कार्ड के साथ-साथ एक अन्य पहचान पत्र भी इस ऐप पर अपलोड करवा लेते हैं। इसके साथ ही आपसे फोटो व सिग्नेचर भी मांगते हैं। यही आपकी सबसे बड़ी गलती है। ऐसी स्थिति में आपके हाथ से अपने ही डाक्यूमेंट्स गलत हाथों में चले जाते हैं। इन सभी डाक्यूमेंट्स का प्रयोग कर सामने वाले साइबर ठग मोबाइल सिम या अन्य ऐसी जगह पर प्रयोग कर लेते हैं जिनका सीधा असर खाताधारक पर पड़ता है। किसी भी साइट पर इस तरह से डॉक्युमेंट्स अपलोड करने से बचना चाहिए।
लोन का लालच देकर भेजते हैं डायरेक्ट लिंक | Cyber Crime
गरीब से मध्यम स्तर का जीवन यापन करने वाले हर किसी व्यक्ति को कभी न कभी लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है। लोन के लिए हमेशा अपने नजदीकी बैंक में जाना चाहिए। लेकिन आजकल हम लोन के लिए भी ऑनलाइन अप्लाई कर देते हैं। प्ले स्टोर पर ऐसी हजारों ऐप है,जो लोन से संबंधित है। लेकिन वह कभी भी लोन नहीं देती। पर आपने साथ लोन के नाम पर ठगी जरूर कर लेते हैं। एक बार उनकी ऐप इंस्टॉल करने के बाद उनके पास आपका मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी चली जाती है। इसी मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी पर वे एक ऐसा लिंक बनाकर भेजते हैं जो आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होने की बात करते हैं। लेकिन आप जैसे ही इस लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपका खाता खाली हो जाएगा। ऐसा होता भी है।
Cyber थानों में बढ़ रही ठगी की शिकायतें | Cyber Crime
ऐसी बहुत सी शिकायत साइबर क्राइम थानों में अक्सर आती रहती हैं। हरियाणा में केंद्र सरकार की साइबर क्राइम टीम भी समय-समय पर ऐसे ऑनलाइन साइबर ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी करती है। संबंधित बैंक भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी ऐसे लिंक से बचने की सलाह देता है। हमें कभी भी ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए जो आप से संबंधित ना हो और कभी भी अपने मोबाइल का ओटीपी किसी भी व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए। अपने मोबाइल में आवश्यकता से अधिक पासवर्ड भी किसी भी ऐप पर नहीं लगाने चाहिए। आपके द्वारा लगाया हुआ पासवर्ड गूगल पर सेव रहता है। जिसे कोई भी कभी भी मिस यूज कर सकता है।