नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर साइबर अत्यंत घातक साइबर हमले का मामला आज संसद में उठा और सरकार ने देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों की साइबर सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बहुजन समाज पार्टी के रीतेश पाण्डेय ने यह मामला उठाते हुए कहा कि हाल ही में एम्स के सर्वरों पर एक घातक साइबर हमला हुआ है जो बहुत ही चिंताजनक बात है। इसके आसपास ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सर्वर पर छह हजार बार साइबर सेंधमारी की कोशिश हुई।
ये सर्वर अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं आ पाए हैं। पाण्डेय ने कहा कि पहले भी बिजली की ग्रिड पर साइबर हमले हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय संपत्ति पर साइबर हमले देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस बारे में देश को स्पष्टीकरण दे और राष्ट्रीय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ऐसे हमलों एवं सेंधमारी को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम अविलंब उठाये।
क्या है मामला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर में सेब के व्यापार में गिरावट आने और दाम गिरने पर गहरी चिंता जतायी और कहा कि फलों के आयात की अनुमति दिये जाने से जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के सेबों के बाजार में उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने पैकेजिंग पर 15 प्रतिशत की जीएसटी लगाये जाने के औचित्य पर सवाल उठाया। श्री मसूदी ने मांग की कि सेबों का आयात बंद किया जाए और पैकेजिंग पर जीएसटी से छूट दी जाए।
लोकजनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने बिहार में दलितों की हत्याएं और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जतायी और राज्य सरकार पर अपराध नियंत्रण में पूर्णत: विफल रहने का आरोप लगाते हुए इन घटनाओं की केन्द्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की। भाजपा के अजय निषाद ने बिहार के मुजफ्फरपुर के आसपास के इलाकों में कोविड के पहले चलने वाली लोकल ट्रेनों को बहाल करने की मांग की। कांग्रेस के अमर सिंह ने पंजाब में फतेहगढ़ साहिब एवं हिमाचल प्रदेश में नैना देवी जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए दुदर्शाग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने की मांग की।
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