संचालक सहित दस लोगों पर प्राथमिकी
बरेली (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के बरेली में बैंक द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र पर धनराशि जमा करने आए ग्राहकों से करीब डेढ़ करोड़ रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। जिसमें ग्राहक केन्द्र के संचालक ग्राहकों को फर्जी रसीद थमाते थे। इसके बाद ग्राहकों के खाते में पैसे जमा न होने पर खातेदारों में खलबली मच गई। उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर रुपये हड़पने की संचालक और उसके पिता सहित दस लोगों पर बरेली जिले के थाना बहेड़ी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल बरेली ने सोमवार को बताया कि आरोप है कि उक्त ग्राहक सेवा केंद्र पर ठाकुर दास ने तीन लाख 50 हजार रुपये, मुकेश कुमार पुत्र वेदराम निवासी उन्हैनी जागीर के दो लाख 82 हजार, कांता प्रसाद पुत्र घासी राम के चार लाख 69 हजार रुपये, छत्रपाल के तीन लाख, होरी लाल और छेदा लाल के 50-50 हजार समेत करीब 80 लोगों का डेढ़ करोड़ रुपये हड़प लिया गया है। पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर पर वीरेंद्र पाल, वीरपाल, मोहन स्वरूप, शिवदयाल, महेंद्र, रमेश, गिरीश लकी राठौर, अजय कुमार और एक अज्ञात के खिलाफ थाना बहेड़ी में भारती दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
जानें क्या है माजरा
थाना क्षेत्र के गांव पिपरिया निवासी ठाकुर दास का कहना है कि बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक की भिलईया शाखा में रुपए जमा करने जाते थे, तो बैंक मैनेजर और कैशियर पूर्व नियोजित योजना से ग्राहकों को पचपेड़ा में ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक वीरेंद्र कुमार निवासी जहूरगंज के पास रुपए जमा करने भेज दिया करते थे। सेवा केंद्र पर वीरेंद्र के पिता शिवदयाल (जो उत्तमनगर बड़ौदा यूपी बैंक में काम कर चुके हैं) भाई वीरपाल, जीजा मोहनस्वरूप, पिपरिया चाठो का लक्की राठौर जो ग्राहक सेवा केंद्र पर काम करता है, नवाबगंज के गांव पंडरा निवासी उनका रिश्तेदार अजय कुमार, ससुर महेंद्र, दईयाबोझ का रमेश सेवा केंद्र पर जमा करने आए ग्राहकों से कैश लेकर फर्जी रसीदें देते थे।
वीरेंद्र का भाई वीरपाल भुडिया कॉलोनी ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक था। जीजा मोहनस्वरूप भिलईया ब्रांच में एजेंट के रूप में काम करता था। अजय और गिरीश वीरेंद्र के ग्राहक सेवा केंद्र पर काम करते थे। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों और बैंक मैनेजर तथा कैशियर ने षड्यंत्र रचकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का गबन किया है। पीड़ितों ने इन लोगों से रुपए मांगे तो उन्हें रुपए देने के बजाय जान से मारने की धमकी दी।
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