तीन सालों से लगातार फसली अवशेष बिना जलाए कर रहे 50 एकड़ की खेती
गुरप्रीत सिंह, बरनाला
Stubble Management: किसान भाईयों की जोड़ी जिला बरनाला में किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है। किसान हरभजन सिंह व मलकीत सिंह करीब 50 एकड़ में खेती करते हैं, जिन्होंंने पिछले 3 सालों से धान की पराली को आग नहीं लगाई है। पिछले साल कुछ रकबे में मॉलचिंग की थी और कुछ रकबे में पराली की गठड़ियां बना ली थीं। इस बार भी करीब 24 एकड़ धान की पराली की गठड़ियां बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में बेलर उपलब्ध हैं और उनको गठड़ियां बनाने में कोई मुश्किल पेश नहीं आई तथा खेत भी जल्द ही खाली हो गए हैं।
पंजाब के बरनाला जिले के कोठे कुरड़ वाले (गांव संघेड़ा) निवासी इन दोनों भाइयोें ने पिछले तीन सालों से फसल के उत्पादन में भी विस्तार हुआ है और यूरिया खाद की खपत भी घटी है। उनका कहना है कि वह फसली विभिन्नता के लिए आलू की काश्त भी करते हैं और सहायक रोजगार के तौर पर डेयरी फार्मिंग का काम भी करते हैं। उनके पास करीब 100 पशु हैं और पराली को पशुओं के चारे में मिलाकर इस्तेमाल में लाते हैं। इनका कहना है कि खेतों में पराली को आग लगाकर हम सिर्फ अपने खेतों को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि इससे पूरा पर्यावरण दूषित होने के साथ ही कई तरह के हादसे भी घटित होते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह पराली को आग न लगाकर पर्यावरण के रक्षक बनें।
डिप्टी कमिश्नर पूनमदीप कौर ने पराली प्रबंधन में जुटे किसानों की प्रशंसा करते कहा कि अन्य किसानों को भी इनकी तरह पराली प्रबंधन करना चाहिए, पंजाब सरकार द्वारा इस कार्य के लिए जहां मशीनरी सब्सिडी पर दी जा रही है, वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी इस मशीनरी के अधिक से अधिक सही इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है।
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