दहेज दानवों की बलि चढ़ती महिलाओं की संख्या भी बढ़ी
(Cruelty against women)
डकैती, अपहरण और चोरी की घटनाओं में कमी
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। सरकार प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लाख दावे करती हो, सैकड़ों योजनाएं बनाती हो, लेकिन इस समय किसी भी योजना और कानून का असर अपराधियों पर पड़ता नजर नहीं आता। विधानसभा में जारी बजट सत्र के दौरान सरकार से मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों में महिलाओं के प्रति कू्ररता, बलात्कार और दहेज हत्या जैसे मामले लगातार बढ़े हैं। (Cruelty against women) वहीं प्रदेश में डकैती, चोरी, अपहरण व छेड़खानी जैसे मामलों में कमी आई है।
बता दें कि बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में रोहतक के विधायक भारत भूषण बतरा द्वारा गृह मंत्री अनिल विज से राज्य में वर्ष 2017, 2018 व 2019 के दौरान प्रदेश में अपराधों की संख्या का ब्यौरा मांगा था। जिस पर गृह मंत्री द्वारा लिखित में दिए गए जवाब में हैरानीजनक आंकड़े सामने आए।
- सरकार द्वारा मुहैया करवाए गए आंकड़ों में सबसे ज्यादा इजाफा महिलाओं के प्रति क्रूरता के मामलों में हुआ।
- जिसमें 17.27 फीसदी की वृद्धि 2018 की तुलना में 2019 में हुई।
- बलात्कार के मामलों में 2018 के मुकाबले 2019 में 13 फीसदी हुआ।
- दहेज हत्या के मामलों में 2018 के मुकाबले 2019 में 10.71 फीसदी का इजाफा हुआ।
महिला पुलिस थाने बेअसर?
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से सबसे बड़ा सवाल प्रदेश में खुले महिला पुलिस थानों पर खड़ा हो गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि जिस तरीके से महिलाओं के प्रति साल दर साल अपराधा बढ़ते जा रहे हैं इससे प्रदेश में खुले महिला थाने बेअसर साबित हो रहे हैं। वहीं सरकार महिला सुरक्षा को लेकर किए जा रहे विभिन्न दावों की भी पोल खुलती नजर आ रही है।
अपराध 2017 2018 2019
हत्या 1048 1101 1129
डकैती 198 194 155
हत्या का प्रयास 956 986 900
अपहरण 4364 4720 4026
बलात्कार 1248 1534 1734
लूट 1247 1299 1359
चोरी 23297 25675 24532
दहेज हत्या 244 224 248
सार्वजनिक हिंसा 4526 4919 4393
छेड़खानी 1018 1194 1079
महिला विरुद्ध कू्ररता 3326 4151 4868
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।