रावतसर थाना क्षेत्र के गांव किकरालिया का निवासी था मृतक
चार-पांच दिन पहले भी मृतक के घर जाकर धमकी देकर आए थे बैंक शाखा के कर्मी
बैंक शाखा कर्मचारियों के खिलाफ आत्महत्या दुष्प्रेरण का मामला दर्ज
हनुमानगढ़, हरदीप सिंह । कर्ज तले दबा एक और किसान सरकार से मदद की कोई किरण नजर न आते देख आत्महत्या करने को मजबूर हो गया। रावतसर थाना क्षेत्र के गांव किकरालिया निवासी सुरजाराम (52) पुत्र रामरख जाट का शव मंगलवार अल सुबह जिला मुख्यालय स्थित कलक्ट्रेट परिसर में बने पार्क में फंदे पर झूलता मिलने से आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। सुरजाराम के साथ ही जिले में इस वर्ष आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा तीन हो गया है। इससे पहले रावतसर तहसील के ही गांव न्योलखी निवासी राधेश्याम (42) पुत्र शिवभगवान जाट व पीलीबंगा गांव निवासी बृजलाल (52) पुत्र मनफूल भाट कर्ज न भर पाने से परेशान होकर ईहलीला समाप्त कर चुके हैं।
सुरजाराम के आत्महत्या मामले में भी बैंक शाखा के कर्मचारियों पर लोन जमा करवाने को लेकर अत्यधिक दबाव डालने के आरोप हैं। मृतक के परिजनों ने जंक्शन थाने में बैंक शाखा कर्मचारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के करीब पौने छह बजे किसी व्यक्ति ने जंक्शन थाने में सूचना दी कि अज्ञात जने का शव जिला कलक्ट्रेट परिसर में बने पार्क में नीम के पेड़ पर रस्से से बनाए गए फंदे पर झूल रहा है। सूचना पर जंक्शन थाना प्रभारी अरविन्द भारद्वाज व सहायक उप निरीक्षक केसरसिंह पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे तो कुर्ता-पायजामा पहने अज्ञात व्यक्ति फंदे पर लटक रहा था।
परिजनों का आरोप- एचडीएफसी बैंक शाखा कर्मचारी लोन जमा करवाने के लिए करते थे परेशान
मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड व वोटर कार्ड के आधार पर उसकी पहचान सुरजाराम पुत्र रामरख जाट के रूप में हुई। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचित कर शव को फंदे से उतरवा टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में भिजवाया। सूचना पर मृतक के परिजन हनुमानगढ़ पहुंचे और आत्महत्या दुष्प्रेरण के आरोप में थाने में आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज करवाया। मामले की जांच कर रही उप निरीक्षक विशु वर्मा ने दोपहर को पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया।
मुकदमे में फंसाने की देते थे धमकी
मृतक के पुत्र विजय जाट ने बताया कि उसके पिता सुरजाराम ने पांच-छह साल पहले अपनी जमीन पर एचडीएफसी बैंक शाखा रावतसर से साढ़े छह लाख रुपए का केसीसी लोन लिया हुआ था। बीच-बीच में दो-तीन किश्तें जमा भी करवाई। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते करीब दो साल से किश्तें नहीं भर पा रहे थे। इसको लेकर बैंक शाखा के कर्मचारी उसके पिता सुरजाराम को लोन जमा करवाने के परेशान करने लगे। कई बार घर पर भी आए और मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। विजय जाट के अनुसार ब्याज सहित करीब साढ़े नौ लाख रुपए का कर्ज उसके पिता सुरजाराम पर हो गया।
बैंक कर्मचारियों ने विधानसभा चुनाव से पहले उसके पिता के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में रावतसर थाने में मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस कर्मी उसके पिता को उठाकर थाने ले गए। उन्होंने अपने पिता की जमानत करवाई। इसके बाद भी बैंक कर्मचारियों ने उसके पिता को परेशान करना जारी रखा। जमीन कुर्क करने की धमकी दी।
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