वनडे शृंखला: भारत और श्रीलंका में पहला मुकाबला रविवार को
दांबुला (एजेंसी)। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म में खेल रही है और टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक क्लीन स्वीप के बाद वह रविवार से शुरु होने जा रही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ में भी श्रीलंकाई क्रिकेट टीम को इसी लय के साथ पस्त करने के इरादे से अपने अभियान की शुरुआत करेगी।
भारत और मेजबान श्रीलंका के लिए हालांकि वनडे सीरीज़ कई मायनों से अहम होने जा रही है जहां भारतीय कप्तान पर विपक्षी टीम पर कम से कम 4-1 की बड़ी जीत दर्ज करने का दबाव है ताकि वह वनडे रैंकिंग में अपना नंबर तीन पायदान बचा सकें तो दूसरी ओर नए कप्तान उपुल थरंगा पर अपनी टीम को पांच मैचों की सीरीज में कम से कम दो वनडे जितवाना अनिवार्य हो गया है ताकि वह इंग्लैंड में 2019 में होने वाले विश्वकप में अपनी टीम को सीधे क्वालीफिकेशन दिला सकें।
धोनी पर होगा खुद को साबित करने का दबाव
दोनों ही टीमों के पास वनडे सीरीज़ में बेहतर प्रदर्शन करने के बड़े मकसद हैं। हालांकि मौजूदा फार्म को देखा जाए तो श्रीलंकाई टीम फिलहाल भारत के आसपास कहीं दिखाई नहीं देती है। हाल ही में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ में व्हाइटवॉश झेलने वाली श्रीलंकाई टीम को आखिरी दो मैचों में पारी से शर्मनाक झेलनी पड़ी है जिसने उसके मनोबल को काफी गिरा दिया है।
वहीं भारतीय टीम के पास दुनिया का नंबर एक वनडे बल्लेबाज़ विराट मौजूद है तो बाकी खिलाड़ी भी बढ़िया लय में हैं। पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की भी टीम में वापसी हो रही है जिन पर इस बार खुद को साबित करने का दबाव बना हुआ है। चयनकर्ता एमएसके प्रसाद के उनकी फार्म पर सवाल उठाए जाने और टीम में उनके स्थान को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं, जिससे वनडे सीरीज़ में धोनी के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें होंगी।
गेंदबाज जसप्रीत बुमरा और केदार जाधव पर भी होगी निगाहें
श्रीलंका के खिलाफ भारतीय वनडे टीम में कई बदलाव किए गए हैं और टेस्ट सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में आॅफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी को टीम से आराम दिया गया है। धोनी के अलावा जो खिलाड़ी इस वनडे सीरीज़ का हिस्सा बनने जा रहे हैं उनमें शार्दुल ठाकुर, मनीष पांडे, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल और लोकेश राहुल शामिल हैं। स्पिन विभाग की जिम्मेदारी युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल को सौंपी गई है। इसके अलावा यॉर्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह तथा मध्य क्रम के बल्लेबाज केदार जाधव के प्रदर्शन पर भी निगाहें रहेंगी। टेस्ट सीरीज़ में वैकल्पिक खिलाड़ी के तौर पर शामिल करने के बाद इस प्रारुप में अपनी उपयोगिता साबित करने वाले शिखर धवन पर वनडे में अपने स्वभाविक ओपनिंग की भूमिका निभानी होगी। इसके अलावा आॅलराउंडर हार्दिक पांड्या निचले क्रम में उपएागी साबित हो सकते हैं।
टीम इंडिया को हालांकि टेस्ट सीरीज के परिणाम से अति उत्साहित होना भारी पड़ सकता है क्योंकि श्रीलंका ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के 300 पार के दिए लक्ष्य को भी आसानी से हासिल कर उसके खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की थी। श्रीलंकाई टीम ने चैंपियंस ट्राफी की टीम के कई खिलाड़ियों को वनडे सीरीज़ में उतारा है जो एक बार फिर बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। वर्ष 2015 के शुरु से अब तक श्रीलंकाई टीम ने अपनी नौ द्विपक्षीय सीरीज़ में केवल एक ही में जीत मिली है और इस दौरान उसे जिम्बाब्वे तक से हार झेलनी पड़ी है जिसके बाद उसपर बेहतर प्रदर्शन का भी दबाव है।
मनोवैज्ञानिक रुप से भारत के पास बढ़त
टीम के अनुभवी खिलाड़ी और तेज़ गेंदबाज लसित मलिंगा, तिषारा परेरा, आॅलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज, दानुष्का गुनाथिलाका और कुशल मेंडिस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। मलिंगा अपने 200वें वनडे से केवल एक मैच की दूरी पर हैं और भारत के खिलाफ वह अपने 300 वनडे विकेट का आंकड़ा भी छू लेंगे जबकि चैंपियंस ट्राफी मैच में भारत के खिलाफ बढ़िया अर्धशतक जड़ टीम को जीत दिलाने वाले मैथ्यूज, दानुष्का और मेंडिस एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बना सकते हैं।
हालांकि टीम इंडिया ने अपनी आखिरी चार द्विपक्षीय सीरीज में जिम्बाब्वे पर 3-0, न्यूजीलैंड पर 3-2, इंग्लैंड पर 2-1 और वेस्टइंडीज पर 3-1 से जीत दर्ज की है जबकि 2014-15 में वह श्रीलंका को पांच मैचों की वनडे सीरीज में 0-5 से धो चुका है और ऐसे में मनोवैज्ञानिक रुप से भी यहां भारत के पास बढ़त रहेगी।
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