नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों में प्रचलित ‘तीन तलाक’, ‘निकाह हलाला’ और बहु विवाह जैसी प्रथाओं की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह मुद्दा पहले से ही विचाराधीन है। अदालत ने हालांकि कहा कि लंबित याचिका में आने वाला फैसला इस नई याचिका पर भी लागू होगा।
लंबित याचिकाओं में आने वाला फैसला मौजूदा याचिका पर भी लागू
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दे पहले ही इस अदालत के विचाराधीन हैं। ऐसे में समान मुद्दे एक अन्य याचिका पर सुनवाई करना आवश्यक नहीं है। गुरुदास मित्रा द्वारा दायर याचिका का निस्तारण करते हुए पीठ ने कहा कि यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि लंबित याचिकाओं में आने वाला फैसला मौजूदा याचिका पर भी लागू होगा।
पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने छह दिन की लगातार सुनवाई के बाद तीन तलाक की प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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