28 सप्ताह का गर्भ गिराने की इजाजत देने से अदालत का इंकार

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अंबाला (एजेंसी)।

हरियाणा के अंबाला की एक अदालत ने आज एक 19 वर्षीय अविवाहित गर्भवती को गर्भपात की इजाजत देने से इसलिए मना कर दिया कि भ्रूण 28 सप्ताह का हो चुका था। सात माह की गर्भवती ने गुरुवार को स्पेशल कोर्ट में गर्भपात की अनुमति मांगती याचिका दाखिल की थी। लड़की की याचिका के अनुसार उसके प्रेमी ने कहीं और विवाह कर लिया था।

पहले उसने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में अर्जी दाखिल की। जहां से अर्जी को लीगल एड पुष्कर शर्मा के पास भेजा गया, जिन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास मानविका यादव की स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की।

इस पर कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। रिपोर्ट आज अदालत में पेश की गई जिसमें बताया गया कि लड़की का भ्रूण 28 हफ्ते का हो गया है इसलिए गर्भ गिराया नही जा सकता। इसके बाद अदालत ने लड़की की अर्जी को खारिज कर दिया।

मेडिकल टर्मिनेशन प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 कहता है कि अगर गर्भ 12 सप्ताह या उससे कम का है तो उसे गिराया जा सकता है। इस प्रकरण में लड़की गरीब परिवार से है इसलिए उसने बच्चा पालने में असमर्थता जताई है और वह चाहती है कि कोई ऐसा परिवार उसका बच्चा गोद ले ले जिसके पास बच्चा न हो।

 

 

 

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