शिमला (सच कहूँ न्यूज)। हिमाचल प्रदेश 68 सदस्यीय विधानसभा चुनावों की आज हो रही मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है। डाक मतपत्रों की गिनती हो चुकी है। ईवीएम मतगणना जैसे जैसे आगे बढ़ रही है तो कभी भाजपा और कभी कांग्रेस बढ़त लेते हुये दिखाई दे रही है। फिलहाल के रूझानों में कांग्रेस 38 और सत्तारूढ़ भाजपा 27 चल रही है। दो सीटों पर निर्दलीय समेत अन्य आगे चल रहे हैं। ऐसे में रूझानों पर गौर करें तो राज्य में भाजपा का रिवाज बदलने का नहीं बल्कि कांग्रेस का राज बदलने का नारा साकार होता दिखाई दे रहा है। सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी(आप) को मतदाताओं ने पूर्णतया नकार दिया है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सिराज से और जुब्बल कोटखाई से भाजपा के चेतन बरागटा आगे चल रहे है। कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहाेत्री हरोली, ज्वालामुखी से संजय रत्न और गगरेट से चैतन्य शर्मा आगे रहे हैं। नालागढ़ से भाजपा के बागी के एल ठाकुर आगे चल रहे हैं। 15 विधानसभा सीटों वाले कांगड़ा जिले में कांग्रेस आठ सीटों पर आगे चल रही है। अभी तक रूझानों में सरकार के चार मंत्री भी पीछे चल रहे हैं। कांग्रेस ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जबकि भाजपा केंद्र और राज्य में अपनी सरकारों के विकास कार्यों, सुसाशन और जन कल्याण योजनाओं आधार पर जनता के बीच गई है।फिलहाल के रूझानों में कांग्रेस उक्त मुद्दों के सहारे बढ़त लेती दिखाई दे रही है।
दोनों ही दलों की नजरें अब बहुमत पर
राज्य में इस बार भी परम्परागत रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला है। दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर होने के उपरांत मतदान बाद आये सर्वेक्षणों को देखते हुए दोनों ही दलों की नजरें अब बहुमत न जुटा पाने की स्थिति में निर्दलीय प्रत्याशियों पर टिक गई हैं। टिकट कटने से भाजपा से 21 और कांग्रेस से छह बागियों ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा है। सर्वेक्षणों चुनाव परिणाम स्पष्ट नहीं आने से उम्मीदवारों की दिलों की धड़कनें बढ़ गई है।
इनमें कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। देखना है कि राज्य में चुनाव परिणामों से राज बदलेगा या रिवाज बदलेगा। राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिये गत 12 नवम्बर को चुनाव हुये, जिसमें 412 उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई थी। चुनावी दंगल में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (आप), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अनेक निर्दलीय उतरे थे। इनमें 388 पुरुष और 24 महिला उम्मीदवार हैं।
हिमाचल प्रदेश में मतदाताओं ने रचा था इतिहास
इस बार के विधानसभा चुनाव में 76.6 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके इतिहास रच दिया था। निर्वाचन आयोग ने हालांकि राज्य में इस बार 80 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। इससे पहले वर्ष 2017 में 75.57 प्रतिशत, 2007 में 71.61 प्रतिशत और 2012 में 72.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। राज्य में अब तक परम्परागत तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है।
राज्य में दोनों की अदल-बदल कर सरकारें आती रही हैं, लेकिन इस बार आप ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर अनेक सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय तो कहीं मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों की मौजूदगी के चलते बहुकोणीय हो गया है। राज्य में इस समय भाजपा सत्ता में है। वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा को 44, कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं थीं। दो सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर माकपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।