मंडियों में आवक तेज, कपास खरीद रफ्तार धीमी

Cotton in Mandi

मंडियों के हालात ऐसे हैं कि टाउन व जंक्शन मंडी में इस वक्त दस हजार क्विंटल से अधिक कपास की आवक हो रही है।

हनुमानगढ़ । किसानों की ओर से कई दिनों तक संघर्ष करने के बाद बीते सप्ताह जंक्शन मंडी में कपास की सरकारी खरीद शुरू हो गई। लेकिन टाउन मंडी में अभी तक सरकारी खरीद का श्रीगणेश भी नहीं हुआ है। टाउन में खरीद अभी तक ठप रहने के कारणों का उल्लेख करते हुए मंडी समिति सचिव ने इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। वहीं टाउन मंडी में सरकारी खरीद कब से शुरू होगी, इस सवाल का जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। मंडियों के हालात ऐसे हैं कि टाउन व जंक्शन मंडी में इस वक्त दस हजार क्विंटल से अधिक कपास की आवक हो रही है।

लेकिन सरकारी दर पर इसे खरीदने में सीसीआई अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। दबे मन से बोली लगाने के लिए अधिकारी मंडी में आते जरूर हैं मगर खरीद में रुचि नहीं दिखाने के कारण सरकारी खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। इससे किसान हैरान-परेशान हो रहे हैं। पूर्व में सीसीआई अधिकारी नमी का बहाना बनाकर खरीद करने से बच रहे थे। लेकिन अब नमी की मात्रा भी खरीद नियमों के आसपास आने के बावजूद अधिकारी सरकारी खरीद करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। आवक की तुलना में नामात्र की खरीद होने से किसान परेशान हो रहे हैं। चालू सीजन में नियमानुसार आठ प्रतिशत तक नमी रहने पर किसानों को ५४५० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करने का निर्देश है। लेकिन इस भाव पर ज्यादातर कपास की खरीद नहीं होने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

गत वर्ष सुस्ती पड़ी थी भारी

गत वर्ष कपास की सरकारी खरीद शुरू करवाने में जिला प्रशासन से सुस्ती दिखाई थी। इसके कारण एक भी जिनिंग फैक्ट्री सीसीआई को नहीं मिल पाई थी। हनुमानगढ़ जिले में कपास की सरकारी खरीद को लेकर इस वर्ष सीसीआई ने जंक्शन में जो अनुबंधित किया था, उसमें भी बाद में कई दिक्कतें आ गई। लापरवाही के चलते गत वर्ष सीसीआई के अफसर जिले में एक क्विंटल कपास की सरकारी खरीद भी नहीं कर पाए थे। इस बार भी सरकारी खरीद के हालात ज्यादा संतोषजनक नहीं लग रहे।

  • Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।