बच्चों को सजा देने के सही व क्रिएटिव तरीके

पेरेंट्स के लिए अपने बच्चों को सही-गलत सिखाने के अलग-अलग तरीके होते हैं। कोई डांट कर, तो कोई प्यार से बच्चों को सही चीजें सिखाता है। बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए कभी-कभी सजा देना या उन्हें उनकी गलती का एहसास कराना जरूरी होता है। हालांकि, उन्हें क्या सजा दी जाए या उन्हें कैसे डिसिप्लिन में रखा जाए यह मायने रखता है, क्योंकि बच्चे मासूम होते हैं और पेरेंट्स द्वारा दी गई सजा से बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों को सजा देने के 10 सही और क्रिएटिव आईडियाज के बारे में बताने जा रहे हैं। तो पूरी जानकारी के लिए लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
बच्चे मासूम होते हैं और उनका दिल बहुत कोमल होता है। ऐसे में बच्चों को डांटना या मारना बिल्कुल उचित नहीं है। हालांकि, उनकी गलतियों को इग्नोर करना भी सही नहीं है। ऐसे में यहां दिए गए कुछ क्रिएटिव पनिशमेंट आईडियाज पेरेंट्स के काम आ सकते हैं। इन्हें आजमाकर पेरेंट्स बच्चों को उनकी गलती समझा सकते हैं। तो बच्चों को सजा देने के सही तरीके कुछ इस प्रकार हैं:

दौड़ने को कहें

बच्चों को उनकी गलती पर रनिंग करने की सजा दी जा सकती है। ऐसे में बच्चों को डांटने की जगह उन्हें बाहर कुछ देर रनिंग करने के लिए कहें। ऐसे में उनका मन भी शांत रहेगा। अगर आपके घर में कुत्ता है, तो बच्चे को कुत्ते के साथ रनिंग या टहलाने के लिए भी कह सकते हैं। ध्यान रहे, सुरक्षा का ख्याल रखते हुए इस दौरान पेरेंट्स भी उनके साथ रहें। अगर घर के बाहर पार्क नहीं है, तो बच्चे को आप घर में या घर के गार्डन में टहलने को कह सकते हैं। इस सजा से बच्चों का फिजिकल वर्कआउट भी हो सकता है।

पेटिंग करवाएं

बच्चों को पनिश करने के लिए आप बच्चों से पेटिंग करवा सकते हैं। बच्चों से आर्ट कॉपी या दीवारों पर खूबसूरत वॉल आर्ट बनावा सकते हैं। इससे बच्चों को मजा भी आएगा और उनका मन भी बहलेगा। साथ ही उन

की क्रीएटिविटी भी बढ़ेगी। इतना ही नहीं, पेंटिंग के जरिए वे अपनी मन की बातों को कैन्वस में उतार सकेंगे, जिससे माता-पिता समझ सकेंगे कि बच्चे के मन में क्या चल रहा है।

डिनर सर्व करने को कहें

कभी-कभी बच्चे खाने के टाइम पर शैतानियां करने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को गुस्सा आना लाजमी है। इस दौरान बच्चों को डांटने की बजाय उन्हें व्यस्त रखने के लिए अपनी व अन्य लोगों की प्लेट टेबल पर खुद लगाने को कह सकते हैं। साथ ही उन्हें डिनर सर्व करने के लिए कह सकते हैं। ध्यान रहे डिनर सर्व करते वक्त पेरेंट्स भी उनके साथ रहें, ताकि वो खाना गलती से गिराए नहीं। साथ ही ज्यादा गर्म खाना बच्चे को सर्व करने न दें। इससे बच्चे का न सिर्फ दिमाग व्यस्त रहेगा, बल्कि वे घर के काम में भागीदारी करना भी समझेंगें और उनके लिए ये मजेदार भी होगा। साथ ही पूरे परिवार को एक साथ टाइम बिताने का मौका भी मिलेगा।

राइटिंग का अभ्यास करवाएं

आप बच्चों को पनिश करने के लिए उनसे एक-एक पेज पर हैंडराइटिंग प्रैक्टिस भी करवा सकते हैं। बच्चे अक्सर अपना होमवर्क जल्दी-जल्दी खत्म करने के चक्कर में अपनी हैंडराइटिंग पर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में आप उनकी हैंडराइटिंग को सुधारने के लिए उन्हें पनिशमेंट के तौर पर राइटिंग करने के लिए कह सकते हैं। ऐसा करने से बच्चों की हैंडराइटिंग में भी सुधार आएगा और आपकी पनिशमेंट भी पूरी हो जाएगी।

एक्सरसाइज

अगर बच्चे को एक्सरसाइज करना न पसंद हो, तो यह एक लाभकारी पनिशमेंट हो सकती है। बच्चों को पनिशमेंट के तौर पर पेरेंट्स उन्हें हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करने के लिए कह सकते हैं। स्किपिंग करना हो, साइकल चलाना हो, सीट अप्स मारना हो या घर की सीढ़ी चढ़ना हो, ये काफी आसान व्यायाम हैं। इससे उनका ध्यान शैतानियों से भटकेगा, साथ ये ही उनके हेल्थ के लिए भी बेहतर रहेगा। शारीरिक गतिविधि करने से उन्हें सेहतमंद रहने में भी मदद मिलेगी। अब पेरेंट्स का काम ही है हर वक्त अपने बच्चे के भले के बारे में सोचना, चाहे पनिशमेंट के ही बहाने सही, माता-पिता इस दौरान भी बच्चे का भला ही तो सोचते हैं।

जल्दी सोने के लिए कहें

बच्चों की गलतियों पर उन्हें सजा देने के लिए यह तरीका भी बेहद कारगर साबित हो सकता है। आप बच्चों से उन्हें टाइम से पहले सोने के लिए कह सकते हैं। उन्हें इस बात का अहसास दिलाए कि उन्होंने जो शैतानियां की हैं, उसकी सजा के तौर पर उन्हें बेड पर जल्दी जाना होगा। वहीं, अगर बच्चे डिसिप्लिन में रहते हैं, तो उन्हें जागने व खेलने का एक्स्ट्रा टाइम दे सकते हैं।

क्लीनिंग

बच्चों को पनिश करने के लिए आप उनसे क्लीनिंग करवा सकते हैं। अगर बच्चे क्लीनिंग करने में आनाकानी करें तो आप उनकी कोई फेवरेट चीज को छुपा सकते हैं। आप बच्चों से यह कह सकते हैं कि उनका फेवरेट सामान कहीं खो गया है और उसे ढूंढने के लिए उन्हें अपने कमरे में बिखरी हुईं चीजों को उनकी जगह पर रखना होगा। इसके अलावा, आप उन्हें उनका स्टडी टेबल, उनका बैग भी साफ करने को कह सकते हैं। ऐसा करने से वो न सिर्फ साफ-सफाई के बारे में जानेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अपनी चीजों की अहमियत भी जानेंगे।

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