रूहानी चिट्ठी भेज सतगुरु ने बख्शा खुशियों का खजाना
- मानवता की सेवा और एकजुटता का दिया संदेश
जीन्द (सच कहूँ न्यूज)। संत-सतगुरु उस हस्ती के मालिक होते हैं, जो न सिर्फ खाली झोलियां भरते रहते हैं, बल्कि दु:खों और परेशानियों से बेजार लोगों के जीवन को खुशियों से महका देते हैं। उनका स्वयं का कोई निजी स्वार्थ नहीं होता। उनका हर पल इंसानियत की भलाई में ही गुजरता है। वे हर क्षण अपने शिष्यों का ख्याल रखते हैं। इसका ताजा उदाहरण है पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा भेजी गई रूहानी चिट्ठी। चिट्ठी में जहां पूज्य गुरु जी ने कोरोना महाबिमारी से बचाव के टिप्स दिए हैं। वहीं इन्सानियत की सेवा का भी संदेश दिया है। साध-संगत सतगुरु जी की चिट्ठी को पाकर फूली नहीं समा रही है।
डेरा सच्चा सौदा का हर श्रद्धालु पल-पल अपने सतगुरु का शुक्राना कर रहा हैं, क्योंकि चाहे परिस्थितियां कैसी भी रही हो, लेकिन उनके दाता रहबर उनकी कदम-कदम पर सार-संभाल कर रहे हैं और उनकी हर जायज मांग को पूरा कर रहे हैं। साध-संगत दिन में कई-कई बार इन चिट्ठियों को पढ़कर सतगुरु जी की रहमतों को पा रही है। आइए जानते हैं चिट्ठी को पाकर क्या कह रहे हैं जीन्द जिले के डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु।
मेरी और मेरे परिवार की जिदंगी उस सतगुरु, रहबर की ही बख्शी हुई है। उनका देन हम एक जन्म तो क्या कई जन्मों में भी नहीं दे सकते हैं। चिट्ठी भेजकर मेरे सतगुरु जी इस मुश्किल घड़ी में भी अपने बच्चों की पग-पग पर संभाल कर रहे हैं और भंयकर महामारी के दौर से बचाने के लिए हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। बस यही कहूंगा कि हे! मेरे दाता आप रहमतों के समुद्र हैं और हमें अपने अंतिम श्वास तक अपने चरणों से जोड़े रखना और हमारी ओड़ निभा देना।
–जगदीश इन्सांं, शिव कॉलोनी, जीन्द।
जैसे ही पता चला कि पूज्य गुरु जी की दूसरी चिट्ठी आई है तो मेरा पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। पूज्य गुरु जी ने हमेशा समाज का भला किया है और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। आज कोरोना के भंयकर समय के बावजूद भी पूज्य गुरु जी पल-पल अपने बच्चों की संभाल कर रहे हैं और बीमारी से बचने के लिए काढ़ा का फॉर्मूला बताकर हमारे जीवन की रक्षा कर रहे हैं। अब दिन में कई-कई बार पूज्य गुरु जी चिट्ठी पढ़ते हैं, जितनी बार भी पढ़े पर हर बार एक नई खुशी दिल पर छा जाती है।
–भरत इन्सां, जीन्द
पूज्य पिता जी हमें हर पल एहसास कराते रहते हैं कि वे हमसे दूर नहीं हैं। वे हर पल हमारे हृदय में विराजमान हैं। जैसे ही डॉ एमएसजी की चिट्ठी मिली तो बता नहीं सकता कितनी खुशी हुई। परिवार के सभी सदस्यों ने अपने माथे से चिट्ठी को लगाया और फिर पढ़कर सुनाई। चिट्ठी का एक-एक शब्द सत्संग की भांति दिलों दिमाग को असीम शांति दे रहा है। सभी के हृदय वैराग्य से भर गए, क्योंकि मेरे दाता हर पल कूंज की भांति अपने बच्चों का ख़्याल रखते हैं और उनके जीवन की हर कठिनाई का हर रहे हैं। मेरे मुर्शिद को लाखों-करोड़ों बार सजदा!
–मुकेश इन्सां, जीन्द
जब से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने नाम की अनमोल दात बख्शी उसी दिन से जीवन खुशियों से भर गया। आपजी ने हमेशा वचन फरमाए हैं कि दीन-दुखियों की मदद करो और किसी का बुरा करना तो दूर सोचना भी नहीं चाहिए। सच्चे सतगुरु जी ने चिट्ठी लिखकर हमारे ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया है। चिट्ठी को जितनी बार भी पढ़ते हैं, दिल भरता ही नहीं है, बल्कि बार-बार पढ़ने को दिल करता है। डॉ. एमएसजी को हमारा कोटि-कोटि नमन्!
–मजनूं इन्सां, जीन्द
पूज्य गुरु जी ने करोड़ों लोगों का नशा और बुराइयों को छुड़वाकर नरक से बदत्तर स्थिति में पहुंच चुके घरों को स्वर्ग, जन्नत बनाया है। ये उनके उपकार ही हैं, जो साध-संगत का अपने सतगुरु के प्रति प्रेम, आस्था और दृढ़ विश्वास ज्यों का त्यों कायम है। पूज्य गुरु जी रूहानी चिट्ठियां भेजकर हर वक्त हमारी संभाल कर रहे हैं। लेकिन बुराई से जुड़े कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है। वे साध-संगत को भ्रम फैला कर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि कभी कामयाब नहीं होंगे।
–बादल इन्सां, जीन्द।
काल ने भले ही कितना भी जोर लगाया हो, लेकिन पूज्य गुरु जी ने 134 मानवता भलाई कार्यों के कारवां को थमने नहीं दिया है। अब रूहानी खुशबू से भरी चिट्ठी भेजकर साध-संगत की सार-संभाल करने के साथ-साथ कोरोना काल में जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्तदान करने का संदेश दिया है। पूज्य गुरु जी की चिट्ठी हमारे लिए अनमोल खजाना है, जिसके बारे में शब्दों में ब्यां नहीं किया जा सकता है। दिल की यही ख्वाहिश है ‘‘सदा खुश रहो जी, सतगुर प्यारे, यही मांग रहे हैं जी दास तिहारे…’’
–मंजीत इन्सां, जीन्द।
पूज्य गुरु जी ने नेकी, भलाई के मार्ग पर चलना सिखाया है, उसी मार्ग पर निरंतर चलते रहेंगे। चिट्ठी के रूप में सतगुरु जी ने हमें बेशुमार खुशियां भेजी हैं। वे हमारे हृदयों में बसे हैं और दूरी का एहसास कभी नहीं होने देते। उनकी जितनी महिमा गाएं कम है।
-रोशन लाल इन्सां, जीन्द
पूज्य गुरू जी ने चिट्ठी में अपना अट्टू प्यार और आशीर्वाद भेजा है। पूज्य गुरू जी ने दिखा दिया है कि उनका हर पल सृष्टि के भले के लिए है। कोरोना की महाबिमारी से बचने के उपायों के साथ-साथ आपजी ने जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्तदान का संदेश दिया है। हमें अपने सतगुरु पर अटूट विश्वास है और अंतिम स्वांस तक ये बरकरार रहेगा। मेरे मुर्शिद को बार-बार नमन करता हूँ।
–विजय इन्सां, जीन्द
डॉ. एमएसजी के पत्र ने करोड़ों श्रद्धालुओं के हृदयों में एक नई ऊर्जा भर दी है। हम अपने मुर्शिद को जन्मों-जन्मों तक भी ऋण नहीं उतार सकते। उन्होंने पग-पग पर हमारी संभाल करते हुए हमारे हर काज को संवारा है और रहमतों की बरसात की है। पूज्य गुरु जी का चिट्ठी में भेजा गया ये संदेश हमारे लिए बेशकीमती है। इसलिए मैंने इसे फ्रेम में जड़वा कर संभालकर रखा है। पूज्य गुरु जी की चिट्ठी पाकर बेहद खुश हूँ।
–मुकेश इन्सां, जीन्द
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी खुशबू से सराबोर चिट्ठी भेजकर हमारे जीवन को खुशियों से महका दिया है। जब बार-बार चिट्ठी को पढ़ते हैं तो ऐसा महसूस होता है, जैसे पूज्य गुरु जी साक्षात् हमें आशीर्वाद दे रहे हों। आपजी ने समाज में मानवता भलाई कार्यों की जो अलख जगाई है, उसमें बढ़ चढ़कर भाग लेते रहेंगे। डॉ. एमएसजी को सेल्यूट!
–अमित इन्सां, जीन्द
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