ब्रिटेन में चीन से आने वाले लोगों का कोविड परीक्षण
लंदन (एजेंसी)। चीन से ब्रिटेन आने वाले लोगों को अपनी उड़ान में सवार होने से पहले नकारात्मक कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट दिखानी और नए वेरिएंट की निगरानी के लिए जांच करानी होगी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में बताया, ‘पांच जनवरी से चीन से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को प्रस्थान से दो दिन पहले नकारात्मक कोविड-19 पूर्व-प्रस्थान परीक्षण (पीडीटी) दिखाने की आवश्यकता होगी।
हालांकि चीन से स्कॉटलैंड, वेल्स या उत्तरी आयरलैंड के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित देशों के साथ काम कर रहे हैं कि इसे जल्द से जल्द पूरे ब्रिटेन में लागू किया जाए। वहीं ब्रिटेन, भारत, फ्रांस, अमेरिका समेत 10 देशों ने चीन से आने वाले लोगों को रिपोर्ट दिखानी अनिवार्य होगी। वहीं चीन में कोरोना का कहर जारी है। अस्पतालों में लाशों के ढेर लगे हुए है। कोरोना की दवाइयां खत्म हो गई है।
एहतियाती कदम
विज्ञप्ति के अनुसार नए वेरिएंट की निगरानी के लिए चीन से ब्रिटन आने वाले लोगों के नमूने का कोविड-19 के लिए परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने कहा, ‘ब्रिटेन स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी रविवार आठ जनवरी से निगरानी शुरू कर रही है, जिसके तहत मुख्य रूप से चीन से ब्रिटेन आने वाले यात्रियों का कोविड परीक्षण किया जाएगा। अमेरिका के यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा कि पांच जनवरी से चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य है। इस तरह इटली और स्पेन के साथ-साथ कई अन्य देशों ने भी चीन में कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती कदम उठाए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी की चेतावनी दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,“यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा।” समाचारपत्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं जांच | China Corona News
- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांस लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना
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