बीजिंग (एजेंसी)। चीन में कोरोना (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके कारण चीन में हाहाकार मचा हुआ है। चीन में दिन प्रतिदिन हालात खराब होते जा रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग भारत से मदद मांग रहे हैं। उधर चीन में श्मशान घाट भर गए है लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
चीन में कोरोना की अबतक की सबसे घातक लहर आई है। हर दिन लाखों की संख्या में नए मरीज सामने आने से अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं तो वहीं दवाओं की भी किल्लत हो गई है। बिना दवाओं के लोग तड़प रहे हैं। अपने पड़ोसी को मुसीबत में देखकर भारत एक बार फिर से सामने आया है। भारत ने चीन में दवाएं भेजने का फैसला लिया है।
चीन में अगले 3 महीने कोरोना की चपेट में 60 प्रतिशत आबादी होगी | Coronavirus China
एक रिपोर्ट में कहा गयाहै कि सोशल मीडिया के जरिए चीन के लोगों वहां के हालात बयां कर रहे हैं। चीन के लोगों को शव वाहन की तलाश में काफी परेशानियों कासामना करना पड़ रहा है। चीन में कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल में बेड नहीं है। वहीं एक्सपर्ट की बात मानें तो चीन में अगले 3 महीने कोरोना की चपेट में 60 प्रतिशत आबादी होगी।
चीन सही जानकारी छिपा रहा है | Coronavirus China
जिनपिंग सरकार पहले से ही कोरोना के नए केसों और मौतों की जानकारी को छिपाने का प्रयास कर रही है। वह इसके लिए इंटरनेट से लेकर अखबारों तक में सेंसर पॉलिसी को लागू कर चुकी है। इस बीच अब चीन के स्वास्थ्य आयोग की तरफ से कोविड डेटा न दिए जाने से पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इस डेटा के आधार पर ही अलग-अलग देश चीन के साथ फ्लाइट्स की आवाजाही और सतर्कता को लेकर फैसले करते हैं।
WHO ने दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी की चेतावनी दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,“यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा।” समाचारपत्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं जांच | China Corona News
- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांस लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना
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