कोरोना से जंग में राहत: उद्योगों का पहिया 70 से 80 फीसदी तक घूमा

Industries Opened

प्रदेश में लगभग 41 लाख मजदूर काम पर लौटे, 75 फीसदी हुआ वैट कलैक्शन

  • प्रदेश के फरीदाबाद, गुरूग्राम, पानीपत, अंबाला, सोनीपत, रेवाड़ी और यमुनानगर जैसे औद्योगिक शहरों में उद्योगों का काम 70 से 80 फीसदी तक पहुंचा
  • अक्तूबर तक पिछले साल की स्थिति में आ जाएंगे उद्योग!

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। कोविड-19 के चलते पटरी से उतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने के लिए कृषि के साथ-साथ मैन्यूफैक्चरिंग और आॅटोमोबाइल इंडस्ट्री का चक्का चल पड़ा है। खास तौर पर प्रदेश के एनसीआर के साथ लगते बड़े औद्योगिक नगरों में लगी इंडस्ट्री यूनिट्स में प्रोडक्शन शुरू 70 से 80 फीसदी पहुंच चुका है, जो कि प्रदेश की सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात है। हालांकि यूनिट्स को पूरी तरह चलाने के लिए अभी भी लेबर की कमी से उद्योग दो-चार हो रहे हैं, लेकिन इसके लिए सरकार और औद्योगिक यूनिट्स रास्ता निकालने में जुटी हैं, जिनमें सबसे बड़ी कोशिश लेबर को उनके प्रदेशों से वापिस लाने की है। वहीं हरियाणा के सीएम कार्यालय का दावा है कि औद्योगिक मजदूर दोबारा काम पर लौट रहे हैं। अब तक 40.5 लाख मजदूर काम पर आ चुके हैं। वैट कलेक्शन भी 75 फीसदी पर पहुंच गया है।

बता दें कि गुरूग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, अंबाला, सोनीपत, रेवाड़ी और यमुनानगर इत्यादि शहर प्रदेश के औद्योगिक नगर हैं और यहां कल पुर्जांे से लेकर आॅटोमोबाइल इंडस्ट्री, टैक्सटाइल, इंफोर्मेशन टैक्नॉलॉजी इंडस्ट्री के हब हैं और यहां करीबन सभी यूनिट्स का कार्य आम दिनों के मुकाबले 70 से 80 फीसदी पहुंच गया है। कोविड-19 की स्थिति के चलते लगभग तीन महीने के ब्रेक के बाद इंडस्ट्री का दोबारा उसी गति से दौड़ना प्रदेश की हिल चुकी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है, जिसके लिए सरकार भी इंडस्ट्री की सहायता के लिए तमाम तरह के कदम उठा रही है।

जून में फरीदाबाद और गुरूग्राम इंडस्ट्री की बिजली खपत पहुंची 70 फीसदी

इंडस्ट्री का चक्का कितना फीसदी चला है उसका एक साफ सा अंदाजा बिजली की खपत से लगाया जा सकता है। जून 2019 में फरीदाबदा में जहां 1306 लाख यूनिट की खपत हुई थी वहीं इस दफे 1148 यूनिट बिजली की खपत फरीदाबाद में हुई। इसी साइबर सिटी गुरुग्राम की बात करें तो यहां जून 2019 में करीब 15 करोड़ यूनिट बिजली की खपत उद्योगों में हुई थी। जबकि इस साल 11.5 करोड़ से कुछ अधिक हुई है। बिजली का खर्च इंडस्ट्री चलने का सबसे बड़ा इंडीकेटर है. गुरुग्राम और फरीदाबाद के कई उद्योगों में 12-12 घंटे की शिफ्ट चल रही है। पूरे हरियाणा की बात करें तो यहां पर औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की खपत लगभग 82 प्रतिशत तक पहुंचने लगी है।

कोरोना के केस अन्य औद्योगिक राज्यों के मुकाबले कम, लौटने लगी लेबर, अक्तूबर तक सामान्य स्थिति लौट आएगी प्रदेश की इंडस्ट्री!

हरियाणा में अन्य औद्योगिक नगरों के मुकाबले कोरोना के केस काफी कम हैं। और रिकवरी रेट भी ठीक है। यदि महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों से मुकाबल करें तो हरियाणा में काफी कम महज 15,509 कोरोना पॉजिटिव केस हैं। इसलिए यहां आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाना अपेक्षाकृत आसान है। वहीं आईएम एसएमई आॅफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला का मानना है कि प्रदेश में कोविड-19 के केसों के अपेक्षाकृत कम होने के कारण यहां के उद्योग तेजी से सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। जुलाई के अंत तक काफी उद्योग सामान्य या उससे अधिक काम करने लग जाएंगे। सबकुछ ठीक चला तो अक्टूबर तक इतना प्रोडक्शन हो जाएगा कि उद्योग पिछले साल जैसी स्थिति पर आ जाएंगे।

 

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