दावा : दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए गढ़ी गई थी चमगादड़ वाली कहानी
नई दिल्ली। कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। अब हर देश एक ही सवाल उठा रही है आखिर ये जानलेवा वायरस आया कहां से है? इस बीच एक स्टडी में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की जनक वुहान की वहीं लैब है, जिस पर दुनियाभर के देश संदेह जता रहे हैं। इस शोध में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस बनने के बाद रिवर्स रिवर्स इंजीनियरिंग के मार्फत चमगादड़ वाली कहानी गढ़ी गई।
रेट्रो इंजीनियरिंग का सहारा लिया
ब्रिटिश प्रोफेसर एंगुस और नॉर्वे के वैज्ञानिक डॉ. बर्जर द्वारा किए गए इस शोध में कहा गया है कि चीन ने कोरोना की बात पर पर्दा डालने के लिए रेट्रो इंजीनियरिंग का सहारा लिया और दुनिया की आँखों में धूल झोंकी। ये रिपोर्ट डेलीमेल यूके में छपी है। 22 पेज में छपे इस शोध में वुहान लैब का पूरा काला चिट्ठा दर्ज है।
वायरस किसी लैब में तैयार किया गया
शोध में बताया गया है कि पिछले साल जब कोरोना रोधी वैक्सीन बनाई जा रही थी तब वैज्ञानिकों को कुछ फिंगरप्रिंट्स दिखाई दिए थे, जो वायरस में मौजूद थे। जिससे ये साफ हो गया कि ये वायरस किसी लैब में तैयार किया गया है। वैज्ञानिक उसी वक्त इस बात का खुलासा करके छपवाने वाले थे, लेकिन कई बड़े संस्थानों ने ऐसा करने इनकार कर दिया और चमगादड़ वाली कहानी को सही मान लिया।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कोरोना की उत्पति का पता लगाने के लिए जांच कराने की बात कही है। उन्होंने ये घोषण उस वक्त की जब व्हाइट हाउस को मिली इंटेलिजेंस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नंवबर 2019 में बीमार होने पर वुहान लैब के कुछ कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हुए थे, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए थे। इसके कुछ अरसे बाद ही कोरोना ने पूरी दुनिया में भंयकर तबाही मचाना आरंभ कर दिया, जो अभी तक जारी है।