देश में कोविड-19 की महामारी का प्रकोप दिन-भर-दिन बढ़ता जा रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण देश भर में स्थिति गंभीर बन गई है। शुरूआत में रोजाना 100-200 मरीज आते थे, लेकिन अब रोजाना 40,000 कोरोना मरीज आ रहे हैं। इस हिसाब से तीन दिनों में डेढ़ लाख के करीब मरीज आएंगे। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि यदि कोरोना की गति इसी प्रकार बढ़ती रही तब 10 अगस्त तक कुल मरीजों का गिनती 20 लाख के पार हो सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने दिल्ली में वायरस के सामाजिक फैलाव का दावा किया है लेकिन इस दावे को सरकार अभी भी स्वीकार नहीं कर रही।
हालात इसी कारण नाजुक बनते जा रहे हैं कि देश में आमजन कोरोना बचाव नियमों का पालन ही नहीं कर रहे। जिस कारण आज पूरी दुनिया में भारत कोरोना संक्रमितों में तीसरे नंबर पर आ गया है और हमारे देश में मरीजों की गिनती अमेरिका से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। फिर भी केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम उचित हैं सरकार ने सही समय पर लॉकडाऊन लगाया। यदि ऐसा न होता तब मरीजों की गिनती अब तक करोड़ों में होनी थी। यह भी अच्छी बात है कि केंद्र ने कई फैसले राज्यों को अपने स्तर पर लेने की छूट दी है। बिहार सहित कई राज्यों ने अनलॉक के बावजूद लाकडाऊन को बढ़ाया है। भले ही वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है लेकिन टीके के आने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं, इसीलिए केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर बीमारी से बचाव के लिए कुछ पाबंदियों को इसी तरह बकररार रखना होगा ताकि काम भी कम से कम प्रभावित हो। लोगों को समझना होगा कि कोरोना पीड़ितों की मृत्यु दर कम है लेकिन जब तक इसका टीका नहीं बन जाता तब तक किसी भी तरह नियमों के प्रति लापरवाही से बचना होगा। सरकारें भी गंभीरता से सख्ती से लागू करें, साथ ही साथ जनता को भी सावधान रहना होगा। आमजन को अपने स्वास्थ्य की फिक्र करनी चाहिए, क्योंकि अगर कोरोना संक्रमित इसी तरह बढ़ते रहे, तब देश के स्वास्थ्य ढांचें के चरमरा जाने की खतरा है। स्वास्थ्य ढांचा अगर चरमरा जाएगा तब कोरोना मरीजों का भगवान ही रक्षक होगा।
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