28 मई को तनाव में आकर लगाई थी फांसी
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आईसोलेशन वार्ड में ड्यूटी के दौरान हुई थी संक्रमित
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कुवैत में हैं परिजन नहीं देख पाए बेटी का चेहरा
संजय मेहरा/सच कहूँ गुरुग्राम। यहां मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में कोरोना संक्रमित हुई उस स्टाफ नर्स बेमसी की मंगलवार को मौत हो गई, जिसने 28 मई को तनाव में फांसी लगा ली थी। उसी दिन से वह वेंटिलेटर पर थी। नर्स की मौत पर अस्पताल स्टाफ बेहद दुखी है। पुलिस उसके होश में आने का इंतजार करती रही, ताकि बयान दर्ज किए जा सकें। बेमसी के परिजनों की बेबसी तो देखिये कि वे अंतिम समय में अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाए।
बता दें कि मूलरूप से केरल की रहने वाली बेमसी (24) यहां मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में स्टाफ नर्स थी। उसकी ड्यूटी आपातकालीन वार्ड में लगी थी। कब वह कोरोना संक्रमित हुई, पता ही नहीं चला। ड्यूटी पर तैनात 3 स्टाफ नर्सों का अस्पताल प्रशासन की ओर से कोरोना टेस्ट कराया। इसमें से दो नर्सों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और बेमसी की रिपोर्ट पॉजिटिव। कोरोना पॉजिटिव होने का पता लगते ही बेमसी ने यहां मेदांता मेडिसिटी के सामने झाड़सा स्थित पीजी के कमरे में 28 मई को फांसी लगा ली थी। इसी दौरान किसी ने उसे फंदे पर लटकते देखा तो उसे उतारकर मेदांता मेडिसिटी अस्पताल पहुंचाया। तब तक काफी देर हो चुकी थी। बताया गया कि बेमसी की हालत काफी नाजुक थी। यहां तक पता चला कि उसका ब्रेन डेड हो गया था। घटना की सूचना उसके परिजनों को दी गई। उसका परिवार कुवैत में रहता है। छह दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद मंगलवार को बेमसी की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस बाबत कोई भी टिप्पणी देने से इंकार कर दिया गया। जांच अधिकारी एएसआई महिपाल के अनुसार बेमसी के होश में आने का इंतजार था, तभी उसके बयान दर्ज किए जा सकते थे। वह होश में नहीं आई और वेंटिलेटर पर उसकी मौत हो गई।
एएसआई महिपाल के मुताबिक बेमसी मां ने क्रिशचनों की एक संस्था को अथॉरिटी लेटर भेजकर उन्हें कार्यवाही के लिए अधिकृत किया। संस्था ने पुलिस के समक्ष पत्र सौंपा और बेमसी के अंतिम संस्कार की क्रिया को कहा। महिपाल के मुताबिक कल बुधवार को बेमसी के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे नगर निगम द्वारा अधिकृत किए गए कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
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