नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। चीन में कोरोना (Corona in China) के बढ़ते मामले पूरी दुनिया में चिंता का विषय बन चुका है। लगातार केसों से बढ़ने के कारण वहां की चिकित्सा संसाधनों में कमी सबसे बड़ी चुनौति बन गई है। लगातार चीन के हालात बिगड़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चीन में न सिर्फ अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर्स और दवाईयों की कमी है बल्कि डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ है।
श्मशानों में लंबी लाइन
चीन में कोरोना के हालात इस कदर बिगड़ गए हैं वहां अस्पतालों में इलाज के लिए जगह ही नहीं बची है। बड़ी संख्या में कोरोना से मौत हो रही है और श्मशानों में लंगी लाइनेंं है। विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में और भी हालात बिगड़ सकते हैं।
खानपान, पार्सल और डिलीवरी तक की किल्लत
चीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना केसों की बात करें तो यहां कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने खलबली मचा दी है। यहां खानपान से लेकर पार्सल और डिलीवरी तक की सेवाएं बाधित हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, हालात ये हैं कि 22 मिलियन की आबादी वाले शहर में अंतिम संस्कार के लिए भी श्मशान में लंबी लाइनें लग रही है। क्योंकि यहां काम करने वाले लोग भारी संख्या में कोविड पॉजिटिव पाए जाने की वजह से छुट्टी पर चले गए हैं।
विशेषज्ञों को डर
विशेषज्ञों को डर है कि सरकार की ओर से दी गयी ढील के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और संक्रमण तेजी से फैलेगा क्योंकि लाखों कमजोर बुजुर्ग लोगों का अभी भी पूरी तरह से टीकाकरण नहीं किया गया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक प्रबंधक ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, ‘हम पूरी तरह सीलबंद हैं। केवल भोजन और आपूर्ति की अनुमति है। किसी को भी प्रवेश करने या बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी की चेतावनी दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,“यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा।” समाचारपत्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं जांच | Corona News
- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांस लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना
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