नई दिल्ली (एजेंसी)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ मामलों की चरम अवस्था जून-जुलाई में आने वाले दावों पर कहा है कि देश इस समय एक ऐसे संक्रामक रोग का सामना कर रहा है जिसकी प्रसार दर काफी अधिक है (Union Ministry of Health) और लोगों का साफ-सफाई, सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के दिशा-निदेर्शों का पालन करना बहुत जरूरी है तथा किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस समय देश में सभी लोगों को साफ-सफाई के मानकों का पालन करते हुए और अपनी और दूसरों की रक्षा करनी है।
सफाई के मानकों का पालन करते हुए संक्रामक रोग के प्रसार को रोका जा सकता है
अगर लोग जरूरी दिशा-निदेर्शों का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर लोग दिशा-निर्देश का पालने करेंगे तो हो सकता है कि कोरोना प्रसार का ग्राफ पहले की तरह ही ‘फ्लेटन’ रहे। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कहा गया था कि अप्रैल या मई में भारत में कोरोना मामलों की चरम अवस्था होगी लेकिन लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए हमने काफी हद तक विषाणु के प्रसार को कम कर दिया है और अगले महीनों में भी इसी तरह की सावधानी बरतनी होगी। देश में इस समय अनेक क्षेत्रों में कोरोना के सर्वाधिक मामले आ रहे हैं और सरकार का ध्यान उनसे निपटने की रणनीति पर है।