2.61 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से ठीक हुए, मृतकों का आंकड़ा दो लाख पार
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और पिछले 24 घंटों के दौरान इस संक्रमण के 3.60 लाख से अधिक नये मामले सामने आए, लेकिन राहत की बात यह रही कि 2.61 लाख से ज्यादा लोगों ने इस महामारी को मात दी, जबकि लगभग 3300 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंच गया है। इस बीच देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 25,56,182 लोगों को टीकाकरण हुआ।
इसके बाद अब तक देश में 14 करोड़ 78 लाख 27 हजार 367 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 3,60,960 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 79 लाख 97 हजार 267 हो गया। इस दौरान 2,61,162 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। देश में अब तक एक करोड़ 48 लाख 17 हजार 371 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।
देश में रिकवरी रेट घटकर 82.33 प्रतिशत
इसी दौरान सक्रिय मामलों में लगातार बढ़ोतरी से इनकी संख्या 29,78,709 हो गयी है। वहीं 3293 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2, 01, 187 हो गया है। देश में रिकवरी रेट घटकर 82.33 प्रतिशत और सक्रिय मामलों की दर बढ़कर 16.55 फीसदी हो गयी है, जबकि मृत्युदर कम घटकर 1.12 फीसदी रह गयी है।
महाराष्ट्र में कोरोना का कहर
महाराष्ट्र कोरोना के सक्रिय मामलों में शीर्ष पर है और पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले में 2,289 की कमी आने से इनकी संख्या घटकर अब 6,74,358 हो गई है। इस दौरान राज्य में 67752 और मरीजों के ठीक होने के बाद कोरोना को मात देने वालों की तादाद बढ़कर 36,69,548 हो गयी है जबकि 895 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 66179 हो गया है।
संक्रमित अभियंता ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान
उत्तर प्रदेश में जौनपुर के बक्सा इलाके के लखनीपुर गांव के पास कोरोना संक्रमित अभियंता ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। पुलिस के अनुसार बक्सा इलाके के बेलापार निवासी सेवानिवृत्त खंड विकास अधिकारी व सपा ब्लाक इकाई के अध्यक्ष धर्मराज यादव कोरोना पीड़ित थे। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बेहद खराब हो गई। सांस टूटने लगी। स्वजनो के लाख प्रयास करने के बाद भी आक्सीजन नहीं मिल सका और उनकी सांसें थम गईं। उनकी पत्नी शारदा देवी की भी हालत ठीक नहीं है।
मृत धर्मराज के दो पुत्रों में बड़े ललित यादव गांव में रहते हैं जबकि छोटे पुत्र पेशे से इंजीनियर अमित यादव (35) दिल्ली में नौकरी करते थे। पिता के देहांत व माता की हालत खराब होने की खबर सुनकर अमित बैग में लैपटाप लेकर ट्रेन से घर के लिए चल पड़े। भाई ललित से एक बार मोबाइल फोन पर बात हुई। इसके बाद अमित का मोबाइल फोन का स्वीच आफ बताने लगा।
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