Controversy among student organizations: ढाका, (एजेंसी)। बांग्लादेश में छात्र संगठनों के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर तूल पकड़ गया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के बांग्लादेश जातीयोतावादी छात्रदल और जमात-ए-इस्लामी के बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर, ढाका विश्वविद्यालय (Dhaka University) के मधुर कैंटीन में आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर आमने-सामने आ गए। Bangladesh News
बीएनपी के छात्र दल ने रविवार को मधुर कैंटीन में इस्लामी छात्र शिविर द्वारा बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ढाका विश्वविद्यालय में मधुर कैंटीन की स्थापना मधुसूदन डे ने की थी, जो 25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए क्रूर सशस्त्र अभियान आॅपरेशन सर्चलाइट के दौरान शहीद हो गए थे। बीएनपी के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी और इस्लामी छात्र शिबिर ने अविभाजित पाकिस्तान का पुरजोर समर्थन किया और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान स्वतंत्रता विरोधी भूमिका निभाई।
बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र दल ने कहा कि शिबिर को मधुर कैंटीन के परिसर से दूर रहना चाहिए और मधुसूदन डे की हत्या के लिए नैतिक जवाबदेही लेनी चाहिए। छात्र दल ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का अनादर करने, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान करने के लिए शिबिर की आलोचना की। हाल ही में, दोनों छात्र विंग खुलना यूनिवर्सिटी आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केयूईटी) में हुई हिंसक झड़पों में भी शामिल थे, जिसमें 100 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। दोनों पक्षों ने हिंसा शुरू करने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था।
अगस्त 2024 में अपने पद से हटने से ठीक पहले, तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी छात्र शिबिर और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने कोटा सुधार के लिए छात्र आंदोलन को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल करके पूरे देश में आतंक का राज फैलाया। Bangladesh News
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