59 हजार-60 हजार के गलत बिलों से बढ़ी उपभोक्ताओं की परेशानी, बिजली मंत्री ने भी माना-मिले गलत बिल

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59 हजार-60 हजार के गलत बिलों से बढ़ी उपभोक्ताओं की परेशानी, बिजली मंत्री ने भी माना-मिले गलत बिल

Electricity Bill: सरसा (सच कहूँ न्यूज)। प्रदेश में बिजली बिल ज्यादा आने का मुद्दा इस समय चर्चा में है। बिजली उपभोक्ताओं को 10 से 20 गुना तो किसी के लाखों राशि के बिल आ गए। यह मुद्दा विधानसभा में उठ चुका है। इनेलो विधायक ने बिजली बिल ज्यादा आने का विधानसभा में भी उठाया था। इसके बाद बिजली मंत्री अनिल विज ने एक्शन लिया। बिजली मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी ऑपरेशन सर्कल के अधीक्षक अभियंता के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में मंत्री ने सभी एसई से गलत बिलों की रिपोर्ट तलब की थी। उस रिपोर्ट में पता चला कि 57,717 बिजली बिल गलत बने हुए हैं। इस पर मंत्री भड़क गए और कंपनी को भी फटकार लगाई। Sirsa News

कनेक्शन काटने पहुंची टीम | Sirsa News

सरसा के गांव कुम्हारिया निवासी बलबीर सिंह ने बताया कि वह खेतीबाड़ी करते हैं। उनका 37 हजार बिल आया था। बिल देखते ही होश उड़ गए। पहले अक्सर 1500 से 2000 बिल आता था। इसके बाद बिजली निगम ऑफिस में चक्कर काटे। स्टाफ बोला कि मीटर जंप कर दिया। बिल न भरा तो अगले बिल में जुड़कर 59,000 आ गया। इसकी शिकायत नाथूसरी कलां सब डिवीजन और एसई ऑफिस में की हुई है। इसका जवाब अभी तक नहीं आया। इससे पहले बिजली निगम की टीम उसके घर पर कनेक्शन काटने पहुंच गई। तब उसने यहीं कहा कि पहले शिकायत का जवाब दें। तभी कनेक्शन काटना। इसके बाद टीम चली गई।

कुम्हारिया निवासी जयवीर सिंह ने बताया 60 हजार रुपए बिल आया था। पहले घर का बिल 500 से 1500 रुपए तक अधिकतम आता था। इसका पता करने नाथूसरी कलां बिजली निगम के ऑफिस में गया था। स्टाफ बोला कि यह रीडिंग मीटर ने निकाली हुई है और बताया कि पहले यूनिट चेक किए बिना ही रीडिंग ली हुई थी और उसी का बिल आता था। कर्मचारियों ने कनेक्शन काटने तक की धमकी दी और टीम भी घर आई। बिल तो ठीक नहीं हुआ, पर मजबूरन किसी से 60 हजार रुपए लेकर बिल भरना पड़ा। इससे उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गई है कि इतना बिल कैसे भरें। बिजली निगम ऑफिस में चक्कर लगाने के बावजूद भी यह बिल जल्दी से ठीक नहीं हो रहे।

निजी कंपनी के पास है टेंडर | Sirsa News

बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में बिजली बिल बनाने का टेंडर निजी कंपनी के पास है। कंपनी के कर्मचारियों ने बिना फील्ड रिपोर्ट के मैनुअल बिल बना दिए। इसका नतीजा ये हुआ कि आनन-फानन में उपभोक्ताओं के गलत बिल बन गए। इसका खुलासा तब हुआ, जब उपभोक्ता बिल ज्यादा आने पर बिजली निगम ऑफिस में पहुंचना शुरू हो गए। बाद में फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई तो किसी की रीडिंग ज्यादा दी हुई है तो किसी का प्रिंट ही गलत कर दिया गया। इसके बाद संबंधित निगम अधिकारियों ने कंपनी के कर्मचारियों से संपर्क साधा।

उपभोक्ता को नहीं चलता पता

अब गांव और शहरों में सभी उपभोक्ताओं के मीटर घरों के बार खंभे पर लगाए हुए हैं। इस वजह से उपभोक्ताओं को भी पता नहीं चलता कि रीडिंग लेने के लिए कर्मचारी आया है या नहीं और न ये पता चलता कि कितनी रीडिंग आई है। पहले घर में लगे मीटरों की रीडिंग लेने का पता चलता था।

कंपनी को एक माह में बिल ठीक करने की चेतावनी

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में कंपनियों ने कुल करीब 57, 717 बिल गलत बनाए। यूएचबीवीएन में 39477 और डीएचबीवीएन में 18240 गलत बिल मिले हैं। अब मंत्री ने कंपनी को चेतावनी देते हुए एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। तब तक सभी बिल सही करने होगे। Sirsa News

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