एक्शन। आरटीआई एक्टीविस्ट एडवोकेट राजेश शर्मा की शिकायत पर 15 मई को देना होगा जवाब
अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान में उपभोक्ताओं से वसूली का आरोप
करनाल(सच कहूँ/विजय शर्मा)। एशिया के सबसे बड़े डेयरी फार्म एनडीआरआई द्वारा उपभोक्ताओं से कैरी बैग की कीमत लेने पर आरटीआई कार्यकर्ता ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने एनडीआरआई को नोटिस जारी कर 15 मई को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। उपभोक्ता अदालत में केस दायर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट राजेश शर्मा ने कहा है कि वे 20 अप्रैल को एनडीआरआई के मेन गेट के अंदर बने सेल काउंटर पर दूध की थैलियां और आइसक्रीम लेने गए थे। जब उनसे बिला मांगा गया तो सामने आया कि उपभोक्ता से कैरी बैग के नाम पर पांच रुपए वसूले गए।
जब शर्मा ने इसका विरोध किया और आपत्ति दर्ज कराई तो सेल काउंटर पर काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि वे हर उपभोक्ता से कैरी बैग के पांच रुपए वसूलते हैं और ऐसे एनडीआरआई की तरफ से आदेश हैं। आरोप है कि न चाहते हुए भी उन्हें मजबूरन पांच रुपए का बैग खरीदना पड़ा। जब एनडीआरआई में किसी ने सुनवाई नहीं की तो राजेश शर्मा उपभोक्ता अदालत पहुंचे और केस दायर किया। दायर केस में शर्मा ने कहा है कि जिस भी दुकान या संस्थान से सामान खरीदने पर कैरी बैग मुफ्त में देना उनकी जिम्मेदारी बनती है। एनडीआरआई द्वारा दिए गए बैग पर उनका विज्ञापन भी था।
ग्राहकों से रोजाना हो रही है मोटी वसूली
व्यावहारिक तौर पर ऐसा करना न्यायोचित नहीं है और ग्राहकों से रोजाना मोटी वसूली हो रही है। इससे इतने प्रतिष्ठित संस्थान की बदनामी भी होती है। उन्होंने कहा है कि गली-गली घूमकर सामान बेचने वाले लोग भी ग्राहक को मुफ्त में कैरी बैग देते हैे, जबकि एनडीआरआई तो विश्वस्तरीय संस्थान है। ऐसे में संस्थान की जिम्मेदारी बनती है कि वह गैरकानूनी कार्य न करे। शर्मा ने बताया कि उपभोक्ता अदालत के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने आरंभिक तौर पर सुनवाई करते हुए कड़ा संज्ञान लिया है और नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कैरी बैग के पैसे नहीं वसूल सकते दुकानदार
राजेश शर्मा ने कहा है कि यदि कोई भी दुकानदार या संस्थान ग्राहक से कैरी बैग के पैसे वसूलता है तो इसका भुगतान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि लोग उनके पास ऐसे मामले लेकर आएं वे मुफ्त में उनके केस उपभोक्ता अदालत में केस दायर करेंगे। इससे अवैध वसूली पर नकेल कसेगी। एक रुपए मांगा मुआवजा शर्मा ने उपभोक्ता अदालत से एक रुपए का मुआवजा मांगा है। उन्होंने कहा है कि यह जनहित से जुड़ा मामला है और इससे जनता में जागरुकता आएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि एनडीआरआई से लीगल एड में एक लाख रुपए जमा कराएं ताकि ऐसे मामलों पर रोक लग सके। पांच रुपए की आड़ में संस्थान उपभोक्ताओं से लाखों रुपए इक्टठे कर चुके हैं।
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