हरियाणा की सीमा से गांव पथराला तक चार मार्गीय रोड बनाने का काम शुरू
- डूंमवाली बैरियर पर ट्रकों के जाम से मिलेगी निजात
- रोड के बनने से होगी लोगों के समय की बचत
- पथराला से बैरियर तक घटित हादसों में जा चुकी हैं अनेक मानवीय जानें
भटिंडा (मनप्रीत मान)। भटिंडा-डबवाली राष्ट्रीय राज मार्ग पर अब हादसों की रफ्तार को ब्रेक लगने जा रही है क्योंकि मंडी डबवाली के साथ लगती पंजाब की सीमा से गांव पथराला तक साढ़े पांच किलोमीटर सड़क चारमार्गीय होने जा रही है। इस रोड के बनने से जहां लोगों के समय की बचत होगी,
वहीं सड़क हादसों में भी बड़ी स्तर पर कमी आएगी क्योंकि गांव डूंमवाली में बने अंतरराज्यीय बैरियर पर अक्सर ही जाम लगा रहता है और जाम खुलने के बाद एक ही समय इकठ्ठे निकलते वाहनों के साथ हादसे घटित होते रहते हैं। गांव पथराला से बैरियर तक इन हादसों में अनेकों मानवीय जानें जा चुकीं हैं। इस राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क निर्माण का काम कुछ दिन पहले विभाग की ओर से शुरू करते हुए सड़क के साथ खड़े वृक्षों को उखाड़ दिया गया है।
बैरियर भी हो सकता है खत्म
डूंमवाली अंतरराज्यीय बैरियर के इंस्पेक्टर जगदेव सिंह ने सड़क पर जाम लगने बारे कहा कि कई ट्रक चालक अपनी मन मर्जी के साथ गाड़ियां पार्क कर देते हैं, जिसके साथ जाम लग जाता है।
उन्होंने कहा कि चार मार्गीय सड़क होने से जाम लगने की नौबत तकरीबन खत्म ही हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि जीएस्टी लागू होती है तो यह बैरियर खत्म हो जाएगा क्योंकि हो सकता कि सरकार व्यापारियों को जीएसटी समझने के लिए कुछ माह का समय दे, जिस कारण यह बैरियर भी कुछ माह चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि उनको इस संबंधी पूर्ण तौर पर 30 जून को ही पता चलेगा।
संबंधित विभाग के एसडीओ का कहना
इस बारे में विभाग के एसडीओ सुरिन्दर मोहन ने बताया कि भटिंडा से गांव जोधपुर रोमाना तक यह सड़क पहले ही चार मार्गीय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मिनिस्टरी आॅफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट हाई-वे नयी दिल्ली की ओर से यह सड़क का निर्माण कार्य हिस्सों में पास किया जाता है।
मंडी डबवाली में हरियाणा के क्षेत्र में सड़क पहले ही चहुंं मार्गीय बनी होने के कारण मिनिस्टरी की ओर से पंजाब -हरियाणा की सीमा से साढ़े पांच किलोमीटर सड़क और चार मार्गीय बनाने के लिए मंजूर की गई है । उन्होंने बताया कि इसका काम एक साल के अंदर-अंदर मुकम्मल कर लिया जाएगा।
विकास के नाम पर वृक्षों की बली: समाज सेवी
समाज सेवीं बलवीर सिंह बीरा ने कहा कि विकास के नाम पर वृक्षों की बली ली जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ सालों में लाखों पौधे सड़ाकें से उखाड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि चाहे विभाग, क्लब और समाजसेवी संस्थाओं की ओर से नये पौधे लगाऐ जाते हैं परंतु जितनी रफ़्तार वातावरण के दूषित होने की है उसके मुकाबले इन पौधों की संख्या बहुत ही कम है।
पर्यावरण को दूषित होने से रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने की जरूरत है तभी पर्यावरण का शुद्धीकरण किया जा सकता है। आने वाली पीढ़ियों को प्रदूषित वातावरण के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार विकास के नाम पर वृक्ष उखाड़ सकती है तो नए पौधों को कामयाब करने के लिए सरकार को अपने अधिकारियों को सख़्त निर्देश देने चाहिए जिससे नये लगाए पौधे बड़ी संख्या में कामयाब हो सकें।
राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क निर्माण का काम कुछ दिन पहले विभाग की ओर से शुरू करते हुए सड़क के साथ खड़े वृक्षों को उखाड़ दिया गया है।
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