कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री व रणनीति

Congress's new chief minister and strategy

कांग्रेस, मध्य प्रदेश व राजस्थान में मुख्यमंत्री तय करने के लिए जिस प्रकार धीरज व विचार-विमर्श से काम लिया गया, उससे न केवल पार्टी की 2019 की लोक सभा चुनाव की तैयारी झलक रही है बल्कि उम्मीदवार की योग्यता की मजबूती भी दिख रही है। राजस्थान में अशोक गहलोत व सचिन पायलट के नाम उभरकर आ रहे थे। आखिर विचार चर्चा के बाद अशोक गहलोत का नाम तय हो गया। सचिन के कद को देखते उन्हें उप-मुख्यमंत्री का पद दे दिया गया। इसी प्रकार कांग्रेस ने जहां राज्य में अशोक गहलोत की लोकप्रिय व राजनीतिक पकड़ को मुख्य रखा वहीं यूथ नेता सचिन पायलट को भी अनदेखा न करते हुए युवा व अनुभवी में तालमेल बिठाने का प्रयास किया गया। हालांकि चुनाव से पहले इस बात की चर्चा थी कि राहुल गांधी यूथ नेताओं को सीएम बना सकते हैं। लगता है राहुल गांधी भावुक होकर कोई निर्णय लेने की बजाय लंबे समय के लिए पार्टी की बेहतरी के लिए फंूक-फंूक कर कदम रख रहे हैं। भले ही मौजूदा राजनीति में यूथ की भूमिका अहम है लेकिन अभी भी राजनीति में अनुभवी नेताओं का दबदबा कायम है।

मध्य प्रदेश की कमान कमलनाथ को देने का निर्णय लेने में भी कोई जल्दबाजी नहीं दिखी। हालांकि पंजाब में अकाली दल व आप के कुछ नेताओं ने कमलनाथ को सीएम बनाने का विरोध किया था। लगता है पार्टी अपने निर्णय से पीछे हटने वाली नहीं। कमल नाथ पर दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों में शामिल होने का आरोप है। इस बात की चर्चा है कि तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण भाजपा की कमजोरियां हैं लेकिन चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस ने जिस प्रकार भाषा का इस्तेमाल किया और फैसलों के लिए लंबी चर्चा की है, उससे कांग्रेस की रणनीति मजबूत होती नजर आ रही है।

राहुल गांधी की ‘पप्पू’ वाली छवि भाजपा को मिटती दिख रही है। भाजपा ने भी रणनीति बदलकर राहुल को हलके में लेना छोड़कर एक मजबूत व हमलावर रूख वाले नेता के तौर पर स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री के पद को लेकर बड़े नेताओं का किसी प्रकार की बयानबाजी न करना इस बात का संकेत है कि प्रधान के तौर पर राहुल गांधी पार्टी में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता के सख्त खिलाफ हैं।अब देखना यह है कि कांग्रेस तीनों राज्यों में लोगों को दिए भरोसे पर कितनी खरी उतरती है। कांग्रेस रणनीतियों में सफल हुई है और अब वायदों को पूरा करने पर सबकी नजर रहेगी। यदि कांग्रेस 2019 के लोक सभा चुनावों को लेकर अपना मिशन तय करती है तब किसानों व विकास कार्यों पर ध्यान देना होगा। लोगों ने सरकार की जिम्मेदारी कांग्रेस को दी है। कांग्रेस इस जिम्मेदारी को बाखूबी निभाए।

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