Tonk Violence: एसडीएम को थप्पड़ मारने का आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा गिरफ्तार

Tonk Violence

Tonk Violence: गिरफ्तारी को लेकर पुलिस बल तैनात

टोंक (एजेंसी)। राजस्थान में टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को थप्पड़ मारने के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया।

राजस्थान के टोंक जिले में उपचुनाव के बीच बुधवार देर रात हिंसा भड़क गई, क्योंकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना एवं मालपुरा सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित चौधरी के बीच टकराव हो गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना ने कथित तौर पर गांव के एक मतदान केंद्र पर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई, जिसने हिंसा का रूप ले लिया। इस हिंसा के दौरान समरवता गांव में पथराव, आगजनी और व्यापक अशांति का माहौल पैदा हो गया। इस हिंसा में अनेक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा के बाद 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार विवाद तब बढ़ गया जब मीना और उनके समर्थक, जोकि मीना की गिरफ्तारी के विरोध में धरना दे रहे थे, को पुलिस ने चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए वहां से हटने को कहा। रिपोर्ट में

अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ओम प्रकाश के हवाले से बताया गया कि मीना के समर्थकों का एक समूह हिंसक हो गया और पुलिस पर पथराव करने लगा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। आईजी ने कहा कि बीती देर रात समरवता गांव में जब पुलिस ने नरेश मीना को पकड़ने की कोशिश की तो हंगामा, पथराव और आगजनी की घटना हो गई। मामले में अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आगजनी और तोड़फोड़, वाहनों में आग लगाई गई

रिपोर्ट में बताया गया है कि टोंक में हिंसक झड़पों से पुलिस और नागरिक दोनों वाहनों को नुकसान पहुंचा। पुलिस वाहनों सहित करीब 8 चार पहिया वाहनों और दो दर्जन से अधिक दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और भीड़ ने तोड़फोड़ की। पुलिस ने कथित तौर पर लाठी-डंडों से लैस नरेश मीना के समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। Rajasthan Bypoll

नरेश मीना ने दी सफाई | Tonk Violence

कांग्रेस के बागी नरेश मीना ने अपने कृत्य का बचाव करते हुए स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर, मीना ने एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि ‘‘मैं ठीक हूं, ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की योजना के बारे में बताऊंगा।’’

नरेश मीना ने दावा किया कि एसडीएम ने उन्हें उकसाया, उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुबह से कुछ नहीं किया, हम धैर्यपूर्वक उनके आने का इंतजार कर रहे थे। हमारे लिए भोजन की व्यवस्था नहीं की गई… मैं यहां मंच पर था जब मैं बेहोश हो गया। मेरे समर्थक मुझे अस्पताल ले गए और जब मिर्ची बम का धमाका हुआ तो मेरे समर्थक मुझे दूसरे गांव ले गए जहां मैंने पूरी रात आराम किया… जो कुछ भी हुआ वह पुलिस ने किया… एसडीएम यहां क्यों हुक्म चला रहे थे? वह भाजपा के एजेंट हैं।’’ Tonk Violence

बवाली एचडीएफसी बैंक की शाखा-2 में अचानक सायरन बजने से मचा हड़कंप!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here