कैथल विस से जीते उम्मीदवारो को 8 बार मिली मंत्रिमंडल में जगह
- कैथल विस मे 2 लाख 20 हजार वोट
- कैथल कभी होता था पंजाब विधानसभा का हिस्सा
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Kaithal News: हरियाणा का कैथल जिला राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। संयुक्त पंजाब-हरियाणा के समय से ही कैथल विधानसभा की सीट हाट सीटो में रही है। कैथल व गुहला विधानसभा क्षेत्र उस समय एक ही थे। देश की आजादी के बाद 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव से लेकर 2019 तक जितने भी विधानसभा चुनाव लड़े गए हैं, ज्यादातर में यहाँ कड़ा मुकाबला देखने को मिला है। 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में मास्टर दौलत राम ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। Kaithal News
वर्ष 1966 में हरियाणा के गठन से पहले कैथल विधानसभा क्षेत्र पंजाब विधानसभा का हिस्सा होता था। कैथल जिला पहले करनाल व फिर कुरुक्षेत्र जिले का भी हिस्सा रहा है। एक नवंबर 1989 को देवीलाल की सरकार में इसे कुरुक्षेत्र से तोड़ कर अलग जिला बनाया गया। शुरुआत से ही यह सीट हरियाणा की हॉट सीटो में गिनी जाती है। कैथल को अब तक आठ बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है। मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले नेताओ में ओमप्रभा जैन, सुरेंद्र मदान, चरणदास शोरेवाला, रोशन लाल तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल रहे है।
बीजेपी ने अकेले सिर्फ एक बार जीत दर्ज की | Kaithal News
इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस दो ही पार्टियों में टक्कर मानी जा रही है। वहीं अगर कैथल विधानसभा क्षेत्र की बात करे तो यहाँ से बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ते हुए सिर्फ 2019 के विधानसभा चुनाव में ही जीत दर्ज की है। इससे पहले की 3 योजनाओ में यहाँ से सुरजेवाला परिवार ने परचम लहराते हुए जीत दर्ज की थी।
हालाँकि अभी तक कांग्रेस ने कैथल से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन माना यही जा रहा है कि यहाँ से सुरजेवाला या उनके बेटे आदित्य को टिकट मिल जायेगा। अब देखना ये होगा कि क्या इस बार सुरजेवाला परिवार इस सीट को हासिल करने में सफल रहेगा या फिर बीजेपी द्वारा एक बार फिर से मौजूदा विधायक लीला राम गुर्जर पर विस्वास दिखाते हुए जो टिकट दी गयी है तो क्या वे अपनी सीट को बचाने में कामयाब हो पाते है या नहीं?
पहले चुनाव में कांग्रेस के मा. दौलत राम ने की थी जीत दर्ज
1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में मास्टर दौलत राम ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। लेकिन अगले चुनाव में कांग्रेस ने यहां से दिल्ली की रहने वाली कांग्रेस नेत्री ओमप्रभा जैन को मैदान में उतार दिया। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने पहले ही चुनाव में अच्छी वोटों से जीत हासिल की। इसके बाद यहां से छह चुनाव और लड़े, जिनमे चार में बार जीत दर्ज करने में सफल रही। चार बार की विधायक ओम प्रभा जैन पंजाब-हरियाणा संयुक्त विधानसभा के मंत्री मंडल में जगह पाते हुए वित्तमंत्री रही। यही कारण था की इसे क्षेत्र की हाट सीट में गिनती होती थी। इस क्षेत्र से जीत दर्ज कर नेता वित्तमंत्री सहित अन्य पदों पर रहे। Kaithal News
शोरेवाला ने निर्दलीय लड़ते हुए हराया ओमप्रभा जैन को
वर्ष 1972 में इस सीट पर आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे चरणदास शोरेवाला ने ओमप्रभा जैन को हराकर एक रिकार्ड बनाया था, इस चुनाव पर पार्टी नेताओं की विशेष नजर थी। चार बार जीत के बाद शोरेवाला ने ओमप्रभा जैन को 3444 वोटों से हराया था। इसके बाद वर्ष 1987 के चुनाव में फिर शोरेवाला मैदान में उतरे, लेकिन लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़ रहे सुरेंद्र मदान से पांच हजार वोटों से हार गए थे। Kaithal News
वर्ष 1991 में फिर से शोरेवाला मैदान में उतरे, इस बार हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी की तरफ से लड़ रहे सुरेंद्र मैदान से 400 वोटों से हार गए। चौथी बार समता पार्टी की टिकट पर वर्ष 1996 में चुनाव लड़े, इस चुनाव में करीब चार हजार वोटों से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रोशन लाल तिवारी को हराया। शोरेवाला वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 1999 तक प्रदेश में वित्तमंत्री रहे। उन्होंने मंत्री रहते हुए कैथल में नहरी पानी योजना की शुरूआत की और लघु सचिवालय का भवन बनवाया।
2 लाख मतदाता करेगे प्रत्याशी की किस्मत का फैसला
कैथल विधानसभा में 2 लाख 20 हजार 459 मतदाता है, इनमे से 1 लाख 15 हजार 566 पुरुष है तो 1 लाख 4 हजार 892 महिलाये है। 1 वोट यहाँ से थर्ड जेंडर की भी है। वहीं बात करे बूथों की तो कुल 215 बूथ पुरे विस में है जिनमे ग्रामीण एरिया में 109 और शहरी में 106 बूथ बने हुए है।
जानिये कैथल में कब कौन विधायक बना | Kaithal News
वर्ष विधायक पार्टी
- 2019 लीलाराम गुर्जर बीजेपी
- 2014 रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस
- 2009 रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस
- 2005 शमशेर सिंह सुरजेवाला कांग्रेस
- 2000 लीलाराम गुर्जर इनेलो
- 1996 चरण दास शोरेवाला एसएपी
- 1991 सुरेंद्र मदान कांग्रेस
- 1987 सुरेंद्र मदान लोकदल
- 1982 रोशनलाल तिवारी कांग्रेस
- 1977 रघुनाथ गोयल जेएनपी
- 1972 चरण दास शोरेवाला आजाद
- 1968 ओम प्रभा जैन कांग्रेस
- 1967 ओम प्रभा जैन कांग्रेस
- 1962 ओम प्रभा जैन कांग्रेस
- 1957 ओम प्रभा जैन कांग्रेस
- 1952 मा. दौलत राम कांग्रेस
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