शिमला (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा चुनावों की गुरुवार को हो रही मतगणना के अब तक के परिणामों में कांग्रेस ने 35 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाने के लिये जरूरी बहुमत का आंकड़ा छू लिया है, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 26 सीटों पर सिमट गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज सीट से तथा उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर जसवां से चुनाव जीत चुके हैं जबकि सरकार के आठ मंत्री हार चुके हैं। कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी, सुरेश भारद्वाज, राजेंद्र गर्ग, डॉ. राजीव सैजल, रामलाल मारकंडा, पार्टी के दिग्गज नेता और रणनीतिकार डॉ. राजीव बिंदल चुनाव हार गये हैं।
कांग्रेस अब तक 35 सीटें जीत चुकी है और चार पर आगे है और भाजपा 20 सीटें जीत चुकी है और छह पर आगे है। मतगणना का पहला नतीजा मुख्यमंत्री की जीत के रूप में भाजपा के खाते में गया। श्री ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को पराजित किया है। उनकी इस सीट से लगातार छठी जीत है। सूत्रों के अनुसार दूसरा नतीजा भी भाजपा के पक्ष में गया है जिसमें जोगिंदर नगर सीट से भी भाजपा के प्रकाश कुमार चुनाव जीत गये हैं। मतगणना के जैसे-जैसे दौर आगे बढ़ रहे हैं, उनमें कांग्रेस ने परिणामों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। तीन सीटों पर भाजपा के बागी हमीरपुर से आशीष शर्मा, नालागढ़ से के एल ठाकुर और देहरा से होशियार सिंह चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में रुझानों पर गौर करें तो राज्य में भाजपा का रिवाज बदलने का नहीं बल्कि कांग्रेस का राज बदलने का नारा साकार होता दिखाई दे रहा है।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को मतदाताओं ने पूर्णतया नकार दिया है। कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री हरोली, ज्वालामुखी से संजय रत्न, गगरेट से चैतन्य शर्मा, विक्रमादित्य, सुधीर शर्मा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, सुखविंदर सुक्खू आदि दिग्गज चुनाव जीत चुके हैं। इस बीच पार्टी की चुनाव में जीत के बाद इसके प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला शिमला पहुंच चुके हैं। पार्टी के जीते हुये विधायक में कोई टूट न हो, इसलिये इन्हें राज्य से बाहर ले जाने भी विचार किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पार्टी की जीत को लेकर पहले से आशान्वित थीं। पार्टी की आज ही एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक कहां होगी, इसका उन्होंने खुलासा नहीं किया।
जयराम ठाकुर ने जनता का फैसला विनम्रता से किया स्वीकार
राज्य में मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा इस पर हाईकमान से विचार-विमर्श कर तय किया जाएगा। उधर, प्रतिभा और सुखविंदर सुक्खू का मुख्यमंत्री पद के लिये नाम सामने आ रहा है। भाजपा के प्रदेश मामलों के प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन और संगठन मंत्री विनोद तावड़े समेत पार्टी के प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी शिमला में मौजूद हैं तथा मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर चुनाव परिणामों पर मंथन करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह जनता का फैसला विनम्रता से स्वीकार करते हैं। उनकी सरकार ने जनता की भलाई के लिये तथा राज्य के विकास के लिये काम किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही पद से इस्तीफा देंगे।
दो सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर माकपा प्रत्याशी ने जीती
कांग्रेस ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा गया जबकि भाजपा केंद्र और राज्य में अपनी सरकारों के विकास कार्यों, सुसाशन और जन कल्याण योजनाओं आधार पर जनता के बीच गई है1 फिलहाल के रूझानों में कांग्रेस उक्त मुद्दों के सहारे बढ़त लेती दिखाई दे रही है। राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिये गत 12 नवम्बर को चुनाव हुये, जिसमें 412 उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई थी।
चुनावी दंगल में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (आप), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अनेक निर्दलीय उतरे थे। इनमें 388 पुरुष और 24 महिला उम्मीदवार हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में 76.6 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया था। निर्वाचन आयोग ने हालांकि राज्य में इस बार 80 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। इससे पहले वर्ष 2017 में 75.57 प्रतिशत, 2007 में 71.61 प्रतिशत और 2012 में 72.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा को 44, कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं थीं। दो सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर माकपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।
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