कोलंबो ,14 नवंबर (शिन्हुअा)
श्रीलंका की संसद में बुधवार को प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद संसद की कार्यवाही को जोरदार हंगामे के बीच गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया । संसद के स्थगित होने के बाद सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम को लेकर परस्पर विरोधी दावे किये हैं। बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के दल यूनाइटेड नेशनल पार्टी के सांसद लक्ष्मण किरेल्ला ने पत्रकारों को कहा कि अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है और नये प्रधानमंत्री को सत्ता छोड़नी होगी।
श्री किरेल्ला ने कहा, “हमारे पास बहुमत है और समुचित संसदीय प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। नयी सरकार अब नहीं रही। पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।” वहींं दूूूसरी तरफ श्रीलंका के पोदुजन पेरामुना विधायक दिनेश गुणावर्धने ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं हो सका क्योंकि संसद अध्यक्ष ने इलेक्ट्रानिक मतदान की मांग करते समय संसदीय परंपराओं का पालन नहीं किया।
इससे पहले जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीएम) के सांसद अनूर कुमार दिस्सानायक ने संसद अध्यक्ष कुरु जयसूर्या को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा और सांसद विजिता हैरात ने इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले से श्री राजपक्षे की पार्टी के सासंदों ने विरोध शुरू कर दिया जिसके बाद श्रीलंकाई प्रधानमंत्री भी सदन से बाहर चले गये।
श्रीलंका में राजनीतिक संकट 26 अक्टूबर से ही जारी है। राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था।इस राजनीतिक संकट के बीच बुधवार को श्री सिरिसेना द्वारा संसद को संबोधित करने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन वह संसद से अनुपस्थित रहे।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो।