China Vs America: हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ और व्यापार युद्ध के मुद्दे पर तनाव बढ़ा है, खासकर चीन के बयानों के बाद, जिसमें उन्होंने अमेरिका को यह चेतावनी दी कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, तो वह किसी भी प्रकार के युद्ध के लिए तैयार हैं, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कुछ और। इसके बाद, अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यह बयान दिया कि अमेरिका चीन के साथ व्यापार युद्ध और टैरिफ की धमकियों के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस खींचतान के बीच, यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि दोनों देशों की सैन्य क्षमताएं कैसी हैं। अमेरिका और चीन दोनों ही वैश्विक सैन्य शक्तियां हैं, और उनकी सैन्य ताकत की तुलना कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की जा सकती है।
रक्षा बजट | China Vs America
अमेरिका का रक्षा बजट दुनिया में सबसे बड़ा है। 2024 में अमेरिका का रक्षा बजट लगभग 732 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, जो चीन के रक्षा बजट से कहीं अधिक है। वहीं, चीन का आधिकारिक रक्षा बजट लगभग 261 बिलियन डॉलर है। हालांकि, पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन का वास्तविक रक्षा खर्च इस आंकड़े से कहीं अधिक हो सकता है, जो 330 से 450 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह संकेत करता है कि चीन अपनी सैन्य क्षमता को तेजी से बढ़ाने के लिए अधिक खर्च कर रहा है।
परमाणु शक्ति
परमाणु शक्ति के मामले में, अमेरिका और चीन के बीच अंतर स्पष्ट है। अमेरिका के पास लगभग 3,750 परमाणु वारहेड्स हैं, जबकि चीन के पास यह संख्या 600 से अधिक है, और 2030 तक यह संख्या 1,000 तक पहुंचने का अनुमान है। चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहा है, जबकि अमेरिका की परमाणु शक्ति के मामले में स्थिरता है। यह दोनों देशों के बीच एक बड़ा अंतर है, और परमाणु युद्ध के मामले में अमेरिका स्पष्ट रूप से अधिक सक्षम दिखाई देता है।
सैन्य घटक
अमेरिका और चीन दोनों देशों के सैन्य घटकों की तुलना करें तो, अमेरिका के पास 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि चीन के पास 20 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जो उसे संख्या के मामले में अधिक ताकतवर बनाता है। रिज़र्व बलों की संख्या भी दोनों देशों में अलग-अलग है; अमेरिका के पास 8 लाख रिज़र्व सैनिक हैं, जबकि चीन के पास 5 लाख रिज़र्व सैनिक हैं।
अमेरिका के पास 5,500 से अधिक टैंक हैं, जबकि चीन के पास 4,950 से अधिक टैंक हैं, जो संख्या में अमेरिका से पीछे है। इसके अलावा, अमेरिका के पास 13,000 से अधिक लड़ाकू विमान हैं, जबकि चीन के पास 3,500 से अधिक लड़ाकू विमान हैं। विमानवाहक पोतों के मामले में, अमेरिका के पास 11 विमानवाहक पोत हैं, जबकि चीन के पास 3 विमानवाहक पोत हैं, हालांकि चीन और भी विमानवाहक पोत बना रहा है।
युद्धपोत और पनडुब्बियों की संख्या में भी दोनों देशों का अंतर है। अमेरिका के पास 300 से अधिक युद्धपोत हैं, जबकि चीन के पास 370 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। चीन की यह संख्या उसे दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना का हिस्सा बनाती है। हालांकि, अमेरिका की नौसेना की तकनीकी क्षमता और वैश्विक तैनाती क्षमता चीन से कहीं अधिक है।
स्टील्थ फाइटर जेट्स और हाइपरसोनिक मिसाइलें | China Vs America
अमेरिका के पास F-22 और F-35 जैसे अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट्स हैं, जबकि चीन के पास J-20 जैसे स्टील्थ जेट्स हैं। हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में, अमेरिका इनका विकास कर रहा है, जबकि चीन पहले से ही इन्हें तैनात कर चुका है। रूस के बाद, हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में चीन दूसरे स्थान पर है।
अंतरिक्ष सैन्य शक्ति
अमेरिका की अंतरिक्ष सैन्य शक्ति अत्यधिक विकसित है, और वह अंतरिक्ष में अपनी क्षमता का बेहतर इस्तेमाल कर रहा है। चीन इस क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और अपनी अंतरिक्ष सैन्य शक्ति को और मजबूत कर रहा है, लेकिन वह अभी अमेरिका से पीछे है।
नौसेना की ताकत
चीन के पास वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसमें 370 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। इसका मतलब है कि चीन ने अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए पर्याप्त निवेश किया है। इसके अलावा, चीन अपनी नौसेना को और अधिक आधुनिक बनाने में भी जुटा हुआ है। इसके मुकाबले, अमेरिका के पास लगभग 300 युद्धपोत हैं, लेकिन अमेरिका की नौसेना तकनीकी दृष्टिकोण से और वैश्विक तैनाती क्षमता में चीन से आगे है। अमेरिकी नौसेना का विश्वभर में तैनाती और तकनीकी ख्याति उसे एक प्रमुख ताकत बनाती है।
सैन्य विकास की गति
चीन अपनी सैन्य क्षमताओं को तेजी से आधुनिक बना रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, चीन नए उपकरणों और तकनीकी प्रणालियों का अधिग्रहण अमेरिका से पांच से छह गुना तेजी से कर रहा है। इसका मतलब है कि चीन अपने सैन्य क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रहा है। यह सैन्य विकास उसकी लंबी अवधि की योजनाओं का हिस्सा है, जिसमें वह अमेरिका से आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
अमेरिका और चीन दोनों ही वैश्विक सैन्य शक्तियां हैं, और उनकी सैन्य क्षमताओं का तुलनात्मक अध्ययन यह दर्शाता है कि दोनों देशों ने अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए भारी निवेश किया है। जहां अमेरिका की सैन्य शक्ति तकनीकी दृष्टि से उन्नत है और उसकी परमाणु शक्ति अद्वितीय है, वहीं चीन तेजी से अपने सैन्य उपकरणों का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है। दोनों देशों के बीच सैन्य क्षमता की तुलना यह दर्शाती है कि आने वाले समय में उनके बीच टकराव की स्थिति और भी जटिल हो सकती है।