जुलाना के स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी योजना को लगा पलीता

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चिंताजनक: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है महिला चिकित्सक

जुलाना (कर्मवीर)। जहां एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करती है और प्रधानमंत्री योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाते है। वहीं इस तरह की योजना को स्वास्थ्य चिकित्सक की कमी के कारण पलीता लगाया जा रहा है। ऐसा ही कुछ जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिल रहा है जहां पर महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जुलाना का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 36 गांव के लिए एक है, जिसमें पिछलीे सरकार ने अपगे्रड कर 30 बैड का अस्पताल बनाया था। पूरे ब्लाक के ग्रामीण यहां पर अपना इलाज करवाने के लिए आते है।

स्टाफ नर्स और एएनएम के सहारे चल रही प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना

वहीं हर माह की 9 तारिख को जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना को लेकर गर्भवती महिलाओं के सभी टेस्ट किए जाते है। लेकिन खास बात यह है कि महिला चिकित्सक की बजाए यहां पर स्टाफ नर्स और एलवीएच, एएनएम के सहारे इस योजना को चलाया जा रहा है।

महिलाओं का कहना है कि महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और एएनएम और जीएनएम या स्टाफ नर्स ही गर्भवती महिलाओं के टेस्ट करती है अगर कोई भी हादसा होता है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। इसलिए गर्भवती महिलाएं यहां की सुविधाओं को देखते हुए जींद या रोहतक जाना ही उचित समझती है।

पूरे जींद जिले में ही महिला चिकित्सक की कमी है, इस कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री मातृत्च सुरक्षा योजना के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्टाफ नर्स, एलवीएच या एएनएम ही गर्भवती महिला की जांच करते हैं। अगर कोई गंभीर केस दिखाई देता है तो उसे जींद सामान्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।
नरेश वर्मा, प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना।

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