चंडीगढ़ (एजेंसी) राष्ट्रमंडल खेलों में देश की झोली में 22 पदक डालने वाले हरियाणा के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के लिए अब कोई राज्य स्तरीय सम्मान समारोह नहीं होगा। दूसरे राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के लिए खेल रहे 13 पदक विजेताओं को भी सरकार इनाम के नाम पर एक पैसा नहीं देगी। अन्य नौ पदक विजेता खिलाडिय़ों की सम्मान राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी। वैसे, इसके लिए भी उन्हें एक साल का इंतजार करना पड़ सकता है।
अब सरकारी स्तर पर राज्य स्तरीय सम्मान समारोह भी नहीं
सरकार के इस फैसले से एक बार फिर सियासी घमासान की जमीन तैयार हो गई है। कई खिलाडिय़ों ने फैसले के विरोध में आवाज उठाई है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला भी खिलाडिय़ों के समर्थन में उतर आए हैं। खेल मंत्री विज ने स्पष्ट किया कि हरियाणा का डोमिसाइल होने और प्रदेश की ओर से खेलने पर ही नकद इनाम दिया जा सकता है। विज के इस दावे के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले 13 खिलाड़ी सम्मान राशि हासिल करने के दायरे में नहीं आते।
इतने ही खिलाड़ी सम्मान राशि काटकर दिए जाने का खुला विरोध कर रहे थे। सम्मान राशि के विवाद में सरकार के फिर पलटी मारने से साफ हो गया कि पदक विजेता पहलवान विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया, सुमित मलिक, साक्षी मलिक व मुक्केबाज मनोज कुमार सहित सभी 13 खिलाडिय़ों को नकद इनाम से महरूम होना पड़ सकता है। अब केवल हरियाणा की ओर से खेलकर पदक जीतने वाले नौ खिलाडिय़ों और 16 प्रतिभागियों के खाते में ही इनामी राशि जाएगी। स्वर्ण पदक विजेता को डेढ़ करोड़, रजत पदक पर 75 लाख व कांस्य पर 50 लाख के अलावा सभी प्रतिभागी खिलाडिय़ों को साढ़े सात लाख रुपये दिए जाएंगे।