तीसरे दिन धरना समाप्त, सीएम से मुलाकात का समय मिला

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Patiala News: डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने धरने का दृश्य।

कर्नल बाठ मारपीट मामला: तीसरे दिन कई संगठनों ने धरने में की शिरकत, पुलिस कार्यशैली पर उठाए सवाल

  • 31 मार्च को मुलाकात होगी, एडीसी ने धरने में पहुंचकर सौंपा पत्र | Patiala News
  • कर्नल की पत्नी ने पूर्व सैनिकों, अधिकारियों, बुद्धिजीवियों व किसानों का जताया आभार

पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर तूर)। Patiala News: कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ मारपीट मामले में पटियाला के उपायुक्त कार्यालय के सामने चल रहा धरना सोमवार शाम को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। धरने के दौरान पटियाला की अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) ने स्वयं उपस्थित होकर कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ की पत्नी जसविंदर कौर बाठ को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से 31 मार्च को दोपहर 12 बजे मुलाकात का लिखित पत्र सौंपा। इस दौरान एडीसी ने मंच से इस मुलाकात के पत्र को पढ़कर भी सुनाया। Patiala News

कर्नल बाठ की पत्नी ने पटियाला के उपायुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे 31 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मिलकर उन्हें संबंधित पुलिस कर्मचारियों द्वारा की गई मारपीट की जानकारी देंगी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अगले धरने-प्रदर्शन के लिए निर्णय लेंगी। फिलहाल, मुलाकात का समय मिलने के बाद वे अपना धरना समाप्त कर रही हैं।

इससे पहले, सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने चल रहे स्थायी मोर्चे के तीसरे दिन विभिन्न किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे और कर्नल बाठ के संघर्ष में उनके परिवार के साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया। मंच से पुलिस की कार्यशैली पर विभिन्न वक्ताओं ने सवाल उठाए और कई मामलों को उजागर कर पुलिस की कार्रवाई पर उंगलियां उठाईं। किसान नेताओं ने पिछले दिनों शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई ज्यादतियों को लोगों के सामने रखा। उनका कहना था कि पंजाब में पुलिस से पीड़ित लोगों की संख्या अधिक है, जबकि पुलिस द्वारा न्याय देने वाले मामले सामने नहीं आते। पुलिस के राजनीतिकरण के कारण समाज में आम लोगों को न्याय मिलने के बजाय थानों में अपमान या झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।

सीएम के समक्ष उठाएंगी ये मुख्य मांगें | Patiala News

जसविंदर कौर बाठ ने धरने में पहुंचे पूर्व सैनिकों, अधिकारियों, बुद्धिजीवियों, किसानों, मजदूरों और मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि उनके समर्थन के कारण ही यह लड़ाई लड़ी जा सकी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मिलकर वे अपनी दो प्रमुख मांगें-मामले की सीबीआई जांच और पटियाला के एसएसपी डॉ. नानक सिंह के तबादले को जोर-शोर से उठाएंगी। साथ ही, संबंधित कर्मचारियों द्वारा आम लोगों के साथ किए गए व्यवहार की जानकारी भी देंगी।

इससे पहले, उन्होंने नाराजगी जताई थी कि सरकार के किसी प्रतिनिधि या नेता ने उनसे कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, जो हर मुद्दे पर ट्वीट करते हैं, ने इस मामले पर न तो कोई ट्वीट किया और न ही कोई संवाद किया। इस मामले ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि वैकल्पिक जांच और प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।

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