मुंबई (एजेंसी)। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के भाग्य का फैसला और उनका आईपीएल के 11वें संस्करण में खेलना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) की रिपोर्ट पर टिका हुआ है और इस रिपोर्ट के आने के बाद कोई भी फैसला विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति करेगी। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने यहां चल रही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की संचालन परिषद की बैठक से इतर यह जानकारी दी। खन्ना ने शुक्रवार को बताया कि एसीयू के प्रमुख नीरज कुमार शमी पर उनकी पत्नी हसीन जहां के लगाये गये मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहे हैं। हसीन ने शमी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दुबई में एक पाकिस्तानी महिला अलिश्बा के जरिये एक व्यवसायी मोहम्मद भाई से धन लिया था।
प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने एसीयू को कहा था कि वह शमी पर फिक्सिंग के आरोप की खासतौर पर जांच करें। खन्ना ने कहा, चूंकि एसीयू प्रमुख नीरज इस मामले की जांच कर रहे हैं और उन्हें जांच के लिये सात दिन का समय दिया गया है। इस मामले को लेकर कोई भी फैसला एसीयू की रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा। अंतिम फैसला लेने का अधिकार सीओए के पास रहेगा। शमी को दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने तीन करोड़ रुपए में खरीदा था। दिल्ली टीम भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि शमी के साथ उसे क्या करना है और उसे भी एसीयू की रिपोर्ट का इंतजार है। हसीन के आरोपों के बाद बीसीसीआई ने शमी के अनुबंध को रोक दिया है और उन्हें चारों ग्रेड में से किसी ग्रेड में नहीं रखा गया है। शमी की पत्नी ने उनपर घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, विवाहेत्तर संबंध, बलात्कार और मैच फिक्सिंग जैसे संगीन आरोप लगाये हैं।