विश्व में भारत का नाम चमका रहे वैज्ञानिक: मनोहर
- मुख्यमंत्री ने विज्ञान रत्न पुरस्कार की राशि बढ़ाकर चार लाख करने का किया ऐलान
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज देश विज्ञान के बलबूते पर आगे बढ़ रहा है। आज देश के युवा वैज्ञानिक दुनिया भर में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। अतीत में भी भारत के वैज्ञानिकों श्री सीवी रमन, महान गणितज्ञ रामानुजन, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, ओमगिर बाबा ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम ऊंचा किया है। पाई, संख्या प्रणाली व जीरो की खोज कर उसकी सौगात दुनिया भर को भारतीय वैज्ञानिकों ने दी है।
यह भी पढ़ें:– पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बने जोहंसबर्ग के शिल्पियों के उत्पाद
यह बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भिवानी के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के दो दिवसीय सार्इंस कनक्लेव के उद्घाटन अवसर पर कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के तीसरे शैक्षणिक ब्लॉक व स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिला के 40 स्कूलों के 500 विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
कोरोना काल में बचाया लोगों का जीवन
चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के सार्इंस कनक्लेव में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत देश नवाचार वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। वैज्ञानिक रिसर्च को लेकर बजट में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। हरियाणा प्रदेश में दृश्या योजना के तहत ड्रोन को संचालित करने की ट्रेनिंग भी शुरू की गई हैं। विज्ञान के क्षेत्र में दो लाख रुपए के विज्ञान रत्न पुरस्कार की राशि बढ़ाकर चार लाख किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने मंच के माध्यम से की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने कोविड के दौरान दो कोरोना रोधी वैक्सीन की सफल खोज कर दुनिया के लोगों को कोविड से बचाया। भारत द्वारा तैयार की गई 200 करोड़ वैक्सीन दुनिया भर के लोगों के कोविड से बचाने में काम आई, यह भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा को दर्शाता है।
सरपंचों का कोई फंड कम नहीं किया
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों द्वारा सरपंचों के प्रदेश भर में चल रहे विरोध को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों का कोई फंड कम नहीं किया गया है, बल्कि उनकी सरकार ने सरपंचों की तथा लोकल बॉडी के नगर निकाय प्रतिनिधियों की पॉवर व स्वायत्ता को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों द्वारा ई-टैंडरिंग का विरोध किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों की इस बात में कोई तथ्य नहीं है। उन्होंने कहा कि काम को लेकर पारदर्शिता जरूरी है, सरपंचों को इस बात को समझनी चाहिए।
इस अवसर पर विज्ञान प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे छात्रों पारस व शुभम ने बताया कि आज मुख्यमंत्री ने विज्ञान प्रदर्शनी में उनके मॉडल का अवलोकन किया है तथा उन्हे वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने की बात कही। इस विज्ञान सार्इंस कनक्लेव से उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। वे भविष्य में भी विज्ञान के क्षेत्र में इसी प्रकार से शोध कार्य करते रहेंगे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।