चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में अनियमितताओं के दोषियों पर शिकंजा कसते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को इसकी गहन जाँच के आदेश दिए जिससे इस घृणित अपराध के दोषियों को पकड़ा जा सके। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के अधीन सार्वजनिक पैसों के वितरण में अनियमितताओं और किसी भी तरह की कोताही का पता लगाने के लिए इस मामले की हरेक पक्ष से गहराई के साथ जाँच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह समाज के पिछड़े वर्गों के विरुद्ध असहनीय अपराध है और इसमें जो भी दोषी पाया गया उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी। मान ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के फंडों में हुई अनियमितताओं ने अनुसूचित जातियों के लाखों विद्यार्थियों को मानक उच्च शिक्षा से वंचित कर उनका भविष्य तबाह कर दिया।
क्या है मामला:
मुख्यमंत्री ने इन अनियमितताओं को गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के हितों की दिन-दिहाड़े लूट बताते हुए कहा कि उनकी सरकार दोषियों को सरेआम दिन-दहाड़े फिरने देने के लिए हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकती। उन्होंने दुख जाहिर किया कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय पिछली अकाली और कांग्रेस सरकारें उन राजनीतिज्ञों और अफसरशाहों का बचाव करती रही, जो इस घृणित काम में शामिल थे। मान ने कहा कि सिर्फ यही नहीं, बल्कि अकाली, भाजपा और कांग्रेस लीडरशिप ने भी एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर ली, जिससे इस अपराध को अंजाम देने वालों पर कार्यवाही करने से बचाव किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आम आदमी की सरकार इन पार्टियों के कारनामों का पदार्फाश करेगी, क्योंकि राजनीतिज्ञों और अफसरशाही का गठजोड़ अपने निजी हितों के लिए शैक्षिक संस्थानों पर मेहरबान होता रहा और दूसरी और अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों को मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान किया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन अनियमितताओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही जरूर की जाएगी।
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