सीएम भगवंत सिंह मान और खेल मंत्री मीत हेयर ने 2 लाख रूपये व सम्मान पत्र देकर किया सम्मानित
- विश्व पुलिस खेलों दौरान विनीपैग में हिस्सा लेगा गुरसेवक सिंह
- मौजूदा समय में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में कर रहा नौकरी
बठिंडा। (सच कहूँ/सुखजीत मान) जिला बठिंडा के गांव चाउके का रहने वाला युवा पहलवान (Wrestler) गुरसेवक सिंह करीब अपनी आयु जितने मैडल जीत चुका है। मैडलों के साथ-साथ उसे कई पहलवानी अखाड़ों में भैंसे-झोटियां, सोना-चांदी सहित अनेकों उपलब्धियां हासिल कर चुका है। पंजाब सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दिए जा रहे मान-सम्मान के तहत बीते दिनों गुरसेवक सिंह की खेल उपलब्धियों के चलते सीएम भगवंत मान व खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने उसे 2 लाख रूपये की नगद राशि देकर सम्मानित किया है।
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जिले के गांव चाउंके के निवासी पिता सुखपाल सिंह व माता भूपिन्द्र कौर के घर 10 जुलाई 1996 को जन्में पहलवान गुरसेवक सिंह ने बताया कि वह मौजूदा समय बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसफ) में नौकरी कर रहा है। वह बचपन से ही खेलों में रूचि रखता था।
कुश्ती खेले में वह अब तक अपनी मेहनत व लगन से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों मैडल जीत चुका है। इस होनहार पहलवान (Wrestler) ने बताया कि वह अपनी कुश्ती के जौहर दिखाकर अब तक 9 बार गोल्ड मैडल के अलावा विभिन्न गांवों में हुए खेलों दौरान 5 बार बुलेट व 10 बार छोटे मोटरसाईकल, 12 भैंसे व कई तोले गोल्ड जीत चुका है। उन्होंने बताया कि वह जुलाई व अगस्त 2023 दौरान विश्व पुलिस खेलों में कनाडा के शहर विनीपैग में होने वाले कुश्ती मुकाबलों में अपनी कुश्ती के करबत दिखाएगा।
गांव चाउके के सरकारी स्कूल में 5वीं तक व खालसा सीनियर सैकेंडरी स्कूल बठिंडा से अपनी पढ़ाई की। साल 2005 से पहलवानी कर रहे गुरसेवक सिंह (Gursewak Singh) ने भारत के विभिन्न खेल मैदानों में अपनी सख्त मेहनत से खिलाड़ियों को हराकर लोहा मनवाया है। गुरसेवक सिंह ने साल में गुजरात में हुई खेल सीनियर नेशनल गेमस में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य मैडल अपने नाम किया। अपनी और खेल उपलब्धियों का जिक्र करते गुरसेवक सिंह ने बताया कि उसने साल 2008 में तरनतारन में हुई कुश्ती खेलों में अंडर-17 में अपनी कुश्ति के जलवे दिखाए, जिसमें वह पंजाब में दूसरे नंबर पर रहे।
इस उपरांत वह दिल्ली में हुए खेल स्कूल नेशनल में गोल्ड मैडल (Gold Medal) जीतकर पहला स्थान हासिल किया। इसी तरह साल 2010 अंडर-17 में सरसा (हरियाणा) में हुई ग्रामीण खेलों में गोल्ड मैडल जीकर पहले स्थान पर आया। गुरसेवक सिंह ने बताया कि साल 2011 व 2013 में दिल्ली में हुई अंडर-19 स्कूल नेशनल खेलों में पहले स्थान पर आकर गोल्ड मैडल अपने नाम किया। साल 2012 में तरनतारन जिले के गांव सुरसिंह में हुए शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरनेशनल रैसलिंग चैंपियनशिप में पहले स्थान पर रहे। इस मौके उन्होंने 1 लाख रूपये की नगद राशि हासिल की। इसी तरह गुरसेवक सिंह साल 2013 में कन्या कुमारी में हुई सब जूनियर खेलों में पहले नम्बर पर रहकर गोल्ड मैडल जीता।
इसी साल दौरान वह सब जूनियर एशिया चैपियनशिप कुश्ती में दूसरे नम्बर पर रहे और सब जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी हिस्सा लेते अपनी कुश्ती के जौहर दिखाए। पहलवान गुरसेवक सिंह ने साल 2014 में सब जूनियर कुश्ती खेल में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य मैडल अपने नाम किया। इसी तरह साल 2014-15 दौरान गढ़शंकर में हुए कुश्ती मुकाबले दौरान ‘पंजाब केसरी’ का खिताब अपने नाम किया। यह पहलवान गुरसेवक सिंह की उपलब्धियों के कुछ उदाहरण ही हैं। इसके अलावा भी उन्होंने विभिन्न जगह हुए मुकाबलों में अनेकों मैडल अपने नाम किए हैं।
खेलों के साथ जुड़े युवा
पहलवान गुरसेवक सिंह ने युवाओं को खेलों के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करते कहा कि वह भी सख्त मेहनत व लगन के साथ खेलों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि खेलों से युवा अपने माता-पिता, गांव, जिले, प्रदेश व पूरे भारत का नाम दुनिया के नक्शे पर ला सकते हैं।