नैनीताल (एजेंसी)। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के उच्च हिमालयी क्षेत्र धारचूला में अतिवृष्टि व बादल फटने से तल्ला खोतिला गांव में काफी नुकसान की सूचना है। लगभग 50 मकान पानी में डूब गये हैं। एक महिला की मौत हो गयी है। काली नदी के दूसरे छोर पर बसे नेपाल में भी नुकसान की सूचना है। पिथौरागढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाके खासकर धारचूला तहसील में अतिवृष्टि व नेपाल के लासको गधेरे में बादल फटने (Cloudburst in Nepal) से भारत व नेपाल के बीच बहने वाली काली नदी का जलस्तर यकायक बढ़ गया। जिससे काली नदी के किनारे बसा धारचूला का तल्ला खोतिला गांव में पानी व मलबा की चपेट में आ गया।
गांव के लगभग 50 घर पानी में डूबे
बताया जा रहा है कि गांव के लगभग 50 घर पानी में डूब गये। गांव का नीचला हिस्सा पूरी तरह से जलमग्न हो गया। यहां 65 वषीर्या एक बुजुर्ग महिला पशुपति देवी पत्नी मान बहादुर की भी मौत हो गयी है। सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के अलावा पुलिस व प्रशासन ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया और राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है। जिससे अभी भी खतरा बना हुआ है। भारत-नेपाल झूलापुल के निकट गौशाला क्षतिग्रस्त होने से कुछ मवेशियों के भी बहने की सूचना है। दूसरे छोर पर बसे नेपाल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है।
लोगों को सावधानी बरतने की सलाह
धारचूला के एलधारा क्षेत्र में भारी बरसात के चलते भूस्खलन होने से मल्ली बाजार क्षेत्र में भी मलबा व पानी मकानों और दुकानों में घुस गया है। कुछ वाहन इसकी चपेट में आ गये हैं। प्रशासन यहां भी मुस्तैदी से राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है। काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से पिथौरागढ़ पुलिस की ओर से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है। चेतावनी जारी की गयी है कि काली नदी के किनारे आवागमन न करें और सीमावर्ती पुलों व झूलों पर आवाजाही से बचें।
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