संतों का काम भले कार्यों के लिए प्रेरित करना : डॉ. संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां | Ram Rahim
सफाई अभियान की शुरुआत करते हुए पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अपना काम भला करना है। हमारे पीर, पैगम्बरों, संत-महापुरुषों ने लिखा है कि संत न छोड़े संतमयी चाहे लाखों मिले असंत। संतों का काम सेवा करना, समाज का भला करना और भला करने के लिए प्रेरित करना, सिर्फ और सिर्फ संतों का ये काम होता है। ना कि उसके बदले में कोई चढ़ावा लेना या किसी को कुछ बुरा कहना, ये काम नहीं। तो अपना काम हम करते ही जाएंगे। हमें बड़ी खुशी है कि हमारे देश के राजा और बाकी सभी सज्जन, प्रदेश के जितने भी मौजिज लोग हैं सभी स्वच्छता को तवज्जो दे रहे हैं। हम हमेशा इस काम के लिए तत्पर रहेंगे, आपके साथ सेवा में लगे रहेंगे। सभी लोग स्वच्छता के इस महायज्ञ में सहयोग दे रहे हैं, सभी को साधुवाद। चाहे वो हमारे पाक पवित्र वेद हैं।
पवित्र गीता, रामायण हैं, पवित्र कुरान शरीफ है, पवित्र गुरबाणी है, श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हैं, चाहे वो पवित्र बाइबल है, सभी धर्मों में वातावरण को स्वच्छ करने की बात कही गई है। तो आज हम उन सभी गाँव, तहसील, कस्बा और शहरवासियों से आह्वान करते हैं कि आप भी इस महायज्ञ में अपना पूर्ण सहयोग करें। देश के राजा हैं या जितने भी सज्जन देश को स्वच्छ बनाना है, बेटियों को पढ़ाना है, बेटियों को आगे बढ़ाना है, दिन-रात हम भी सालों से इस कार्य पर लगे हुए हैं। बड़ी खुशी है कि आज पूरे देश में क्रांति आ रही है और आए भी क्यों ना, सारे मौजिज सज्जन, सभी मुख्य लोग इस बारे में कदम उठाएंगे तो यकीनन जरूर होगा। आज हर गाँव से सरपंच, पंच साहिबान और शहरों के मेयर साहिबान हैं या जितने भी आॅफिसर साहिबान हैं, उन्होंने भी पूरा-पूरा साथ दिया है, बड़ा अच्छा लग रहा है कि हर शख्स इस महायज्ञ में आहूति डाल रहा है।
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