भिवानी के गांव कुंगड़ की बेटी मीना गोयत के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम को मिला स्वर्ण
- सीआईएसएफ में हवलदार के पद पर कार्यरत है सीआईएसएफ की कबड्डी टीम कैप्टन रही मीना गोयत
भिवानी (इन्द्रवेश) कड़ी मेहनत व संघर्ष के बलबुते भिवानी जिला के गांव कुंगड़ की बेटी ने खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर अपने गांव व अभिभावकों का नाम रोशन किया है। इतना ही नहीं यह बेटी खेलों एवं अपनी प्रतिभा के बलबुते फिल्हाल सीआईएसएफ में हवलदार के पद पर कार्यरत है और इतना ही नहीं हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे में संपन्न हुई आॅल इंडिया पुलिस गेम में सीआईएसएफ की टीम को पहली बार गोल्ड मैडल हासिल करवाने में सफलता अर्जीत की है। मीना गोयत इस प्रतियोगिता के दौरान सीआईएसएफ की कबड्डी टीम की कैप्टन रही है।
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किसान परिवार से संबंध रखने वाली राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी मीना गोयत के पिता सतबीर का करीब 12 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। बाल अवस्था में ही पिता का साया सीर से उठने के बाद एक बार तो मीना गोयत अंदर से पूरी तरह से टुट चुकी थी, लेकिन बाद में मां संतोष देवी के हौसले व बेटी को आगे बढ़ाने के प्रण का मीना पर पूरी तरह से असर पड़ा और यह एक बार फिर से कबड्डी के खेल में हाथ आजमाने लगी। यहां की बेटी ने जिला स्तर, राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न आयु वर्गों की टीमों को गोल्ड मैडल दिलवाने में अपनी अहम भुमिका निभाई है।
मीना ने मां के साथ घर की जिम्मेवारी भी संभाली और खेत में भी काम किया। स्कूली स्तर पर शारीरिक शिक्षक राजेन्द्र बल्हारा के मार्ग दर्शन में कबड्डी का प्रशिक्षण लिया इसके बाद मीना ने कभी भी वापस लौट कर नहीं देखा और यह जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर की टीमों में अक्सर हिस्सा लेती रही।
सीआईएसएफ में हवलदार के पद पर चयन हुआ
मीना ने बताया कि 16 से 20 नवंबर तक महाराष्ट्र के पूणे में आल इंडिया पुलिस गेमस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में सीआईएसएफ की टीम में बैतोर कैप्टन के रूप में अपनी टीम का नेतृत्व किया और पहली बार इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता को गोल्ड मैडल दिलवाने में सफलता हासिल की। इससे पहले मीना अपनी प्रतिभा के बल पर एसएसबी में सिपाही के पद पर भर्ती हुई थी, बाद में उनका सीआईएसएफ में हवलदार के पद पर चयन हुआ। उन्होंने बताया कि वह खेलों के साथ-साथ अपनी डयूटी को पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निर्वाह करती हैं और देश की सुरक्षा के लिए हमेशा ही मुस्तैद रहती है। मीना का कहना है कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं।
कड़ा संघर्ष व मेहनत के बलबुते पर हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीर से पिता का साया उठने के बाद उनके ताऊ सत्यवान ने भी उनके परिवार की मदद की। उन्होंने अन्य बेटियों से आग्रह किया कि वे मेहनत के बलबुते पर आगे बढ़ें और किसी भी क्षेत्र में आगे बढऩे में संकोच न करें। बेटियां इस देश की शान मानी जाती हैं।
16 से 20 नवंबर तक महाराष्ट्र के पूणे में हुई थी आल इंडिया पुलिस गेमस प्रतियोगिता
मीना की उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने वर्ष 2013-14 व वर्ष 2014-15 में जुनीयर कबड्डी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और प्रदेश की टीम को राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक हासिल करवाने में अपनी भुमिका निभाई। वर्ष 2016-17 में सीनियर नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और प्रदेश की टीम को कांस्य पदक हासिल करवाने में अपनी अहम भुमिका निभाई। वर्ष 2016-17 व वर्ष 2017-18 आल इंडिया इंटर युनिर्वसटी प्रतियोगिता में टीम को स्वर्ण पदक हासिल करवाया। एसएसबी में कांस्टेबल के पद पर रहते हुए दो बार टीम को राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण व एक बार कांस्य पदक हासिल करवाया। वर्ष 2022 में सीआईएसएफ की टीम को पहली बार ऑल इंडिया पुलिस गेमस के दौरान स्वर्ण पदक दिलवाया।
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