नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कोरोना काल में सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने और लचीली शिक्षण प्रणाली बनाने के केंद्र सरकार के प्रयासों को मान्यता प्रदान करते हुए केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) एनसीआरटी को यूनेस्को किंग हामिद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार सीआईईटी द्वारा कार्यान्वित कोविड -19 के दौरान ‘समावेशी और सुलभ शिक्षा के लिए पहल’ और तंजानिया के संयुक्त गणराज्य से उबोंगो द्वारा कार्यान्वित डिजिटल शैक्षिक कार्यक्रम पर निर्देशित है।
वर्ष 2021 संस्करण की थीम ने इस वायरस के प्रसार के कारण शिक्षा में व्यवधान पर प्रकाश डाला। इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन परियोजनाओं को पुरस्कृत करना था जिन्होंने सीखने के कार्यक्रमों को बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है जो प्रभावी ढंग से सीखने की निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय जूरी ने यूनेस्को के साथ आधिकारिक संबंधों में 58 यूनेस्को सदस्य देशों और आठ गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रस्तुत 111 नामांकन की समीक्षा की।
इसने दो परियोजनाओं की सिफारिश की, जो कई डिजिटल समाधानों को अपनाकर, अनुकूलनीय और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करके, और बड़े पैमाने पर शिक्षार्थियों, विशेष रूप से वंचित समुदायों तक पहुंचकर शिक्षा की सेवा के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में उनकी उपलब्धियों को पहचानते हैं। पुरस्कार विजेताओं को 24 जून को यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के दौरान 2020 और 2019 संस्करणों के चार पुरस्कार विजेताओं के साथ सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को प्रौद्योगिकी के उपयोग और शिक्षा प्रणालियों में शामिल करने के लिए 25,000 अमेरिकी डॉलर प्राप्त होगा। वर्ष 2005 में स्थापित और बहरीन साम्राज्य द्वारा समर्थित, पुरस्कार हर साल उन व्यक्तियों एवं संगठनों को पुरस्कृत करता है जो शिक्षण, सीखने और समग्र शिक्षा प्रदर्शन को बढ़ाते हैं।