नयी दिल्ली। भारत के लीजेंड फुटबॉलर चुन्नी गोस्वामी क्रिकेट के भी शानदार खिलाड़ी थे और अपनी कप्तानी में उन्होंने बंगाल टीम को रणजी ट्रॉफी के फ़ाइनल तक पहुंचाया था। उनका गुरूवार को कोलकाता में निधन हो गया था। गोस्वामी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंटों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने 46 प्रथम श्रेणी मैचों में 1592 रन बनाने के अलावा 47 विकेट लिए थे। उन्होंने एक शतक भी बनाया था।
वह फुटबॉल के साथ-साथ क्रिकेट में काफी सफल रहे थे। वर्ष 1966 में चुन्नी गोस्वामी और सुब्रतो गुहा ने गैरी सोबर्स की दिग्गज वेस्ट इंडीज टीम को पारी की हार झेलने के लिए मजबूर किया था। मध्य और पूर्व क्षेत्र की संयुक्त टीम ने हनुमंत सिंह के नेतृत्व में इंदौर में वेस्ट इंडीज को हार का स्वाद चखाया था। मध्यम तेज गेंदबाज गोस्वामी ने उस मैच में आठ विकेट लिए थे। चुन्नी गोस्वामी को 1971-72 सत्र में बंगाल रणजी टीम का कप्तान बनाया गया था। टीम उनकी कप्तानी में फाइनल में पहुंची थी और ब्रेबोर्न स्टेडियम में बॉम्बे से हारी थी। गोस्वामी ने फाइनल में बंगाल के लिए 96 और 84 रन बनाये थे। बंगाल ने पहली पारी में 387 रन बनाये जिसमें गोस्वामी का योगदान 96 रन था।
गोस्वामी ने यादगार बल्लेबाजी की | Chuni Goswami
मुंबई ने पहली पारी में अजित वाडेकर के 133 रन की बदौलत 469 रन बनाये। बंगाल ने दूसरी पारी सात विकेट पर 261 रन बनाकर घोषित की। गोस्वामी ने दूसरी पारी में 84 रन बनाये। मुंबई ने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 77 रन बनाये और पहली पारी की बढ़त के आधार पर खिताब जीत लिया।
गोस्वामी का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर बिहार के खिलाफ रहा था। गोस्वामी ने 1962-63 से 1972 -73 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हिस्सा लिया। धनबाद में 8 से 10 जनवरी 1972 तक बिहार के खिलाफ खेले गए मैच में गोस्वामी ने यादगार बल्लेबाजी की। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए गोस्वामी ने 265 मिनट में 103 रन की शतकीय पारी खेली थी। यह उनका प्रथम श्रेणी कैरियर का एकमात्र शतक और सर्वोच्च स्कोर भी था।
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