‘शिक्षित युवाओं का मनोबल तोड़ रहे रोजगार के घटते अवसर’

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परिचर्चा। सच कहूँ संवाददाता से बातचीत में बोले चोपटा क्षेत्र के युवा

सच कहूँ/भगत सिंह नाथूसरी चोपटा। बेरोजगारी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। रोजगार के घटते अवसर देश की युवा पीढ़ी के लिए चिंता कि लकीरें बढ़ा रहे हंै। देश की सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात की रही है लेकिन मौजूदा
हालात को देखते हुए लगता है कि रोजगार देने की वजाए छीने जा रहे हैं। चोपटा क्षेत्र के युवाओं ने सच कहूँ संवाददाता से बातचीत में कहा कि लगातार बढ़ती बेरोजगारी शिक्षित युवाओं के मनोबल को तोड़ने का काम रही है। दिनों दिन रोजगार के घटते अवसर युवाओं के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रहे है।

बढ़ती बेरोजगारी शिक्षित युवाओं के मनोबल को तोड़ने का काम रही है। रोजगार के अवसर जितने सृजित किए जाने की आवश्यकता है उतने नहीं हो पा रहे हैं। बेरोजगारी युवाओं को नशे की गर्त में धकेलकर अपराधी बना रही है । युवाओं के लिए रोजगार अवसर सृजित किए जाने की बजाय सरकारें उन्हें चंद रुपए वेतन भत्ते के दिए जाने के नाम पर उनका मजाक उड़ाती रही हैं। सरकार को इस पर गौर करना होगा। युवाओं के लिए उचित रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे।
-राकेश गोरछिया, रूपाणा खुर्द

लगातार बढ़ती बेरोजगारी देश के लिए घातक सिद्ध हो रही । शिक्षित युवाओं को रोजगार के उचित अवसर नहीं मिल पा रहे है । जिससे युवा रास्ता भटककर गलत कामों में संलिप्त हो रहे है । सरकार द्वारा हर बार बजट में करोड़ों नौकरियों के वादे किए जाते है । जो केवल कागजों में रह जाती है । वर्तमान में शिक्षित युवाओं को रोजगार प्राप्त करने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है । सरकार को रोजगार के क्षेत्र में गौर करने की आवश्यकता है ।
-अनिल मोठिया, चौपटा।

दिनों दिन रोजगार के घटते अवसर युवाओं के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रहे है । वर्तमान में बढ़ती बेरोजगारी देश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रही है । सरकार को रोजगार के क्षेत्र में गौर करने की आवश्यकता है । सरकार को शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न योजनाएं व कमेटी का गठन करना चाहिए । जिससे बढ़ती बेरोजगारी को रोका जा सके।
-चरण प्रकाश चौपटा

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