मिसाइल लांचिंग प्रणाली का उपकरण होने का संदेह (Chinese ship)
गांधीधाम (एजेंसी)। पाकिस्तान जा रहे चीन के जहाज ‘दा कुइ युन’ जिसे कस्टम विभाग की टीम ने लगभग दो सप्ताह से गुजरात के कंडला बंदरगाह के निकट रोक कर रखा है, में कथित तौर पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल को लांच करने वाले उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मिला है। यह जहाज, जिस पर हांग कांग का झंडा लगा था, चीन के जियांगयिन बंदरगाह से कराची के मोहम्मद बिना कासिम बंदरगाह के लिए गत 17 जनवरी को यात्रा शुरू की थी। इसे तीन फरवरी को भारतीय कस्टम ने रूकवा कर जांच के लिए कंडला बंदरगाह के जेट्टी संख्या 15 पर रोक रखा है।
- इसकी जांच के बारे में हालांकि कंडला बंदरगाह और कस्टम के अधिकारी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं
- पर सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय खुफिया सूचना के आधार पर इसे रोका गया है।
आज डीआडीओ की टीम दोबारा करेगी जांच
संदेह इसलिए भी अधिक था क्योंकि यह पाकिस्तान के जिस कासिम बंदरगाह पर जा रहा था वह पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम विकसित करने वाली संस्था सुपारको के निकट हैं। इसमें चालक दल समेत कुल 22 लोग सवार हैं। सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की एक टीम पहले ही इसकी पड़ताल कर चुकी है और आज एक और दल के इस जहाज पर मिले उपकरण की पड़ताल करने की पूरी संभावना है।
- हालांकि जहाज का चालक दल यह दावा कर रहा है।
- कि यह उपकरण औद्योगिक ड्रायर है जिसका उपयोग सुखाने आदि के लिए किया जाता है ।
- पर प्रथम दृष्टया यह लगता है कि यह दरअसल आटोक्लेव है ।
- जो मिसाइल लांच करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- इसकी लंबाई लगभग 17 से 18 मीटर और चौड़ाई करीब चार मीटर है।
- अगर यह सचमुच आटोक्लेव हुआ तो चालक दल और जहाज के मालिक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय निर्यात आयात नियमों के तहत कार्रवाई होगी।
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