दिसंबर में समाप्त चौथी तिमाही में चीन की विकास दर 6.4 प्रतिशत रही
नई दिल्ली (एजेंसी)। व्यापार और बौद्धिक संपदा के मसले पर अमेरिका के साथ जारी तनातनी और निर्यात में आयी कमी के कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा और इसकी विकास दर करीब तीन दशक के निचले स्तर पर आ गयी। वर्ष 2018 में चीन की विकास दर 6.6 प्रतिशत रही जबकि वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत रही थी। इससे पहले इतनी सुस्त विकास दर वर्ष 1990 में रही थी जब यह आंकड़ा मात्र 3.9 प्रतिशत रहा था। चीन के नेशनल ब्यूरो आॅफ स्टैटिक्स के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में समाप्त चौथी तिमाही में चीन की विकास दर 6.4 प्रतिशत रही जबकि तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत रहा था। ब्यूरो के निदेशक निंग जिझे के अनुसार, बाहरी माहौल अभी जटिल और गंभीर है।
गत माह बहुत घट गया और उत्पादन के आंकड़े
अर्थव्यवस्था पर दबाव बना हुआ है। चीन और अमेरिका के बीच तनाव नि:संदेह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन इसके असर से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस साल की पहली छमाही में भी मुश्किलें उतनी ही रहेंगी। बीते कुछ माह से चीन की अर्थव्यवस्था के लचर पड़ने के आसार दिखने लगे थे। दुनिया के सबसे बड़े कार बाजार में बिक्री वर्ष 1990 के बाद सबसे कम रही है। सरकार ने उपभोक्ता मांग को बढाने की बात तो की है लेकिन अतिरिक्त आमदनी की रफ्तार धीमी पड़ रही है और लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। निर्यात और आयात का आंकड़ा भी गत माह बहुत घट गया और उत्पादन के आंकड़े आने वाले माह के दौरान गिरावट के संकेत देने वाले रहे।
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