बीजिंग: महीने भर से जारी सिक्किम बॉर्डर विवाद के बीच चीन ने कहा है, भारत में हिंदू राष्ट्रवाद बढ़ रहा है, जिसके चलते बीजिंग से जंग का खतरा पैदा हो रहा है। राष्ट्रवादियों का जोश चीन से बदला चाहता है और यही भारत से सीमा विवाद की जड़ है।
बता दें कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में 34 दिन से भारत और चीन की सैनिक टुकड़ी आमने-सामने है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में बुधवार को पब्लिश एक आर्टिकल में भारत में हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को जंग की ओर बढ़ता कदम बताया गया है। चीन के विकास को भारत में एक दुर्भाग्य के तौर पर देखा जाता है, बीजिंग के तेज विकास ने भारतीयों में डर पैदा कर दिया है।
भारत को रहना होगा सावधान
आर्टिकल के मुताबिक अगर धार्मिक राष्ट्रवाद भारत में चरम पर पहुंचा तो मोदी सरकार कुछ नहीं कर सकेगी क्योंकि 2014 में सत्ता में आने के बाद मुस्लिमों के खिलाफ हिंसक घटनाओं पर काबू पाने में ये पूरी तरह नाकाम रही।
चीन-भारत में प्रतियोगिता दोनों की ताकत और उनकी समझ पर निर्भर करती है। भारत ताकत के मुकाबले में चीन से कमजोर है। इसकी स्ट्रैटजी और इसके नेता देश की चीन पॉलिसी को बढ़ते राष्ट्रवाद के हाथों अगवा होने से बचा नहीं पा रहे हैं। इससे भारत के अपने हित खतरे में पड़ जाएंगे। भारत को सावधान रहना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद को दोनों देशों को जंग में धकेलने से रोकना चाहिए।
क्या है तर्क?
नई दिल्ली ने चीन को बता दिया है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी।
इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
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