नई दिल्ली। सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना आमने सामने खड़ी हैं। इसके चलते हालात की समीक्षा करने आर्मी चीफ बिपिन रावत गुरुवार को सिक्किम पहुंचे। इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने भारत से अपनी सेना को तुरंत वापस बुलाने की मांग की है। कांग ने कहा कि हम भारत से अपनी सेना को तुरंत वापस बुलाने की मांग करते हैं। दोनों पक्षों के बीच समझौते और बातचीत के लिए यह पूर्व शर्त है।
कुछ दिनों पहले शुरू हुआ था विवाद
पिछले दिनों सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग में चीन की ओर से सड़क बनाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने सिक्किम सेक्टर में भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया। चीन इसे अपनी सीमा में बता रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की इस कार्रवाई का विरोध किया। तब से अबतक दोनों देशों के हजारों सैनिक आमने-सामने खड़े हैं। चीन बॉर्डर पर भारत ने अपनी तैयारियां मजबूत की हैं और पुराने बंकरों की जगह नए बंकरों की इंडियन आर्मी के निर्माण कार्यों को चीन पचा नहीं पा रहा है और इसे उकसाऊ कार्रवाई बता रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा- उम्मीद है कि देश अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करें। चीन-भूटान सीमा निरूपित नहीं है, किसी तीसरे पक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी या कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। चीन ने भारत पर गुप्त एजेंडे का आरोप लगाया और कहा कि अगर कोई तीसरा पक्ष, गुप्त एजेंडे से, हस्तक्षेप करता है तो यह भूटान की संप्रभुता का अपमान है। हम ऐसा नहीं देखना चाहते क्योंकि भूटान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा संप्रभुता का हकदार है। चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क निर्माण को वैध बताया और जोर दिया कि यह चीनी क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो न तो भारत का और न ही भूटान का है।
चीन बौखलाया
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से भी चीन काफी बौखलाया हुआ है। ट्रंप-मोदी की दोस्ती की तस्वीरों के बाद चीन की प्रतिक्रिया आई थी कि भारत गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति छोड़कर अमेरिका के साथ चीन के खिलाफ खड़ा हो रहा है ये भारत के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।
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